पायनियर पब्लिक स्कूल में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर हुए विभिन्न कार्यक्रम,मजदूरों पर बच्चों ने पुष्प वर्षा कर के उन्हें खिलाई मिठाई*

*पायनियर पब्लिक स्कूल में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर हुए विभिन्न कार्यक्रम,मजदूरों पर बच्चों ने पुष्प वर्षा कर के उन्हें खिलाई मिठाई*

बलरामपुर
पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज,में ‘‘अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस‘‘ मनाया गया। सर्वप्रथम विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरूआत 1 मई 1886 को अमेरिका में एक आंदोलन से हुई थी। इस आंदोलन के दौरान अमेरिका में मजदूर काम करने के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किए जाने को लेकर आंदोलन पर चले गये थे।
सन् 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें यह ऐलान किया गया था कि 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों का अवकाश रहेगा। इसी के साथ भारत सहित दुनिया के तमाम देशों मे काम के लिए 8 घंटे निर्धारित करने की नींव पड़ी। मई का दिन दुनिया के कई देशों में अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ये दिन दुनिया के मजदूर वर्ग को सर्मपित है। इस दिन को लेबर डे, मई दिवस और मजदूर दिवस भी कहा जाता है। आज मजदूरों की उपलब्धियों को और देश के विकास में उनके योगदान को सलाम करने का दिन है। ये दिन मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके हक के समर्थन में मनाया जाता है। इस मौके पर मजदूर संगठनों से जुड़े लोग रैली व सभाओं का आयोजन करते है और अपने अधिकारों के लिए आवाज भी बुलंद करते है।
‘‘अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस‘‘ के अवसर पर विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रमों में कला, भाषण, सांस्कृति कार्यक्रम के अतिरिक्त विद्यालय में तथा पास के गांव कालीथान में जाकर कराये गये प्लाटिंग पर कुछ श्रमिकों के पास जाकर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने उनके मेहनत को देखकर के भावुक होकर उनके ऊपर पुष्पों की वर्षा की तथा पुष्प एवं मिठाई देकर उनका सम्मान किया, जिससे वे बहुत उत्साहित हुये। इसी क्रम में कला के अन्तर्गत फरहत फातिमा, फैजा खान, अंशिका श्रीवास्तव, माशू श्रीवास्तव एवं परिधि मिश्रा नें अपनी-2 कला का प्रदर्शन किया। भाषण के अन्तर्गत अंशिका श्रीवास्तव, फरहत फातिमा, माशू श्रीवास्तव, परिधि मिश्रा एवं अदिती श्रीवास्तव ने अपना-2 विचार प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत (गीत- काम बड़ा हो या छोटा मेहनत तो रंग लाती है) गौरी शुक्ला, सिद्धी गुप्ता, आराध्या पाण्डेय एवं तान्या श्रीवास्तव ने अपने समूह नृत्य के द्वारा श्रमिको का सम्मान किया।
अंत में ‘‘अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस‘‘ अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने सभी छात्र-छात्राओं को बताया कि मजदूरों का जीवन बहुत ही संघर्षमय होता है। वैसे तो मजदूर का मतलब हमेशा गरीब से नही होता। मजदूर वह इकाई हैं जो हर सफलता का अभिन्न अंग है फिर चाहे ईंट गारे में सना इन्सान हो या आफिस की फाइल के बोझ के तले दबा एक कर्मचारी। हर वह इंसान जो किसी संस्था के लिए काम करता है और बदले में पैसा लेता है वह मजदूर ही है। इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, संतोष श्रीवास्तव,एक्टीविटी इंचार्ज राघवेन्द्र त्रिपाठी एवं अध्यापकगण में उर्वशी शुक्ला, प्रियंका शुक्ला, अर्चना श्रीवास्तव, रीना श्रीवास्तव, नेहा श्रीवास्तव आदि उपस्थित होकर अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया।

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