खतरों का है हाईवे जरा संभल कर चलना आगरा-कानपुर हाईवे पर सफर कर रहे हैं तो जरा संभल कर आगे बढ़ें
एनएचएआई की लापरवाही से हाईवे पर एक नहीं बल्कि जगह-जगह खतरें हैं। हर तरफ कोहरे की चादर बिछी होने के बाद भी हाईवे के ओवरब्रिजों पर लगीं लाइटें खराब पड़ी हैं। जेब्रा क्रासिंग भी नहीं दिखती। सर्विस लेन का काम जगह-जगह अधूरा पड़ा है। सुरक्षा जाल टूट जाने से मवेशी भी अचानक से सड़क पर आ जाते हैं। इससे हादसा होने का खतरा बना रहता है। इन समस्याओं के बाद भी अधिकारी चेत नहीं रहे हैं*
160 किलोमीटर लंबे इटावा-कानपुर हाईवे पर दो जगह टोल टैक्स लिया जाता है। इसके बावजूद राहगीरों को सुविधाएं आधी-अधूरी ही मिल पा रही हैं।
इटावा से औरैया तक करीब 15 जगह दोनों तरफ सर्विस रोड अधूरे हैं। बकेवर बाईपास, सरायमिट्ठे, सराय जलाल, इकदिल, मानिकपुर मोड़, उझियानी, महेवा में सर्विस लेन भी अधूरी पड़ी हैं।
हाईवे पर 51 ओवरब्रिज में हैं। कई ओवरब्रिज पर लाइटें भी खराब हैं। बिजली न होने से कई ओवरब्रिज पर लाइटें बंद रहती हैं। अंडरपास की लाइटें भी नहीं जलती हैं। एनएचएआई की ओर से जेनरेटर नहीं चलाया जाता है।
नजर नहीं आतीं जेब्रा क्रासिंग की पट्टी
हाईवे पर कई जगहों पर पैदल राहगीरों के लिए जेब्रा क्रासिंग बनाई गई है। इस पर पड़ीं सफेद पट्टियां कई जगह गायब हो चुकी हैं। राहगीरों को भी पता नहीं चलता कि उन्हें कहां से सड़क पार करना है। जरा सी चूक होने पर पैदल राहगीर हादसे का भी शिकार हो सकते हैं।
सुरक्षा जाल कई जगहों पर क्षतिग्रस्त
हाईवे पर लगाए गए सुरक्षा जाल
डिवाइडर पर बकेवर, सुनवर्षा रजवाहा के पास, उझियानी के पास, इकदिल के पास यह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। डिवाइडर के पास लगी सिग्नल लाइट भी खराब पड़ी हैं। हालांकि कुछ माह पहले कुछ जगहों पर एनएचएआई की ओर से जाल लगवाया गया लेकिन यह फिर उखड़ गया है।
खराब लाइटें बदलवाई जा रही हैं। अंडरपास में कुछ जगहों पर लाइटें लगवाई गई थीं जो चोरी हो गई हैं। सुरक्षा जाल को ठीक कराने का काम भी कराया जा रहा है। सर्विस लेन की मरम्मत भी प्रस्तावित है। जेनरेटर की व्यवस्था न होने के कारण आपूर्ति बाधित होते ही लाइटें बंद हो जाती हैं। सुगम और सुरक्षित यातायात का प्रयास कंपनी की ओर से किया जाता है।