बलरामपुर-बाल विवाह दण्डनीय अपराध है,घटना के संज्ञान में आने पर इसकी सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय को तत्काल दे – जिला प्रोबेशन अधिकारी
जिला प्रोबेशन अधिकारी सतीश चंद ने सर्वसाधारण को सूचित करते हुए बताया है की निदेशालय महिला कल्याण उ0प्र0 लखनऊ के प्रस्तावित) के अवसर पर बाल विवाह रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। बाल विवाह दण्डनीय अपराध है जिस बालिका ने 18 वर्ष की आयु पूर्ण न की हो एवं ऐसे बालक युवक जिसकी आयु 21 वर्ष से कम है उनका विवाह कराया जाना कानूनन प्रतिबन्धित है। बाल विवाह प्रतिषेध अनिधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह सम्पन्न कराने वाले (प्रिन्टिंग प्रेस, टेन्ट व्यवसायी, मैरिज हॉल, बैण्ड बाजा, कैटरर्स, पुरोहित, मौलवी) व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्यवाही का प्राविधान किया गया है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्राविधानों के अन्तर्गत बाल विवाह करने वाले पुरुष वयस्क के लिए एवं बाल विवाह का अनुष्ठान करने वाले व्यक्तियों के लिए 02 वर्ष का कारावास अथवा 01 लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्राविधान है। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है जिसके शारीरिक एवं मानसिक रूप से गम्भीर दुष्प्रभाव होते है। बाल विवाह जैसी कुरीति पर प्रभावी अंकुश के लिए बाल विवाह जैसी घटना के संज्ञान में आने पर इसकी सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय, विकास भवन बलरामपुर, वन स्टॉप सेन्टर, संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर, बलरामपुर, 181 महिला हेल्पलाइन, चाइल्डलाइन 1098, डायल 112 व स्थानीय पुलिस स्टेशन चौकी को इसकी सूचना दे सकते है। जिससे कि बाल विवाह करने वाले के विरुद्ध यथोचित कार्यवाही सुनिश्चित करायी जा सके।