बेटे और पति के मारे जाने के बाद भी शाइस्ता लापता, एसटीएफ और पुलिस के फोकस पर अतीक की पत्नी
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन कहां है। तीन दिन के अंदर बेटे असद, पति अतीक और देवर अशरफ के मारे जाने के बाद भी शाइस्ता का सामने न आना चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गया है। सोमवार को कोर्ट खुल गया, लेकिन शाइस्ता ने सरेंडर नहीं किया।अब शाइस्ता परवीन को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है। वकील, परिवार के लोग, रिश्तेदार किसी के संपर्क में शाइस्ता नहीं है। सभी उसकी तलाश कर रहे हैं। पुलिस और एसटीएफ का फोकस भी अब शाइस्ता परवीन पर है।
शाइस्ता का अब तक सामने न आना अनहोनी की आशंका पैदा कर रहा है। पूरे दिन चकिया और कसारी मसारी में शाइस्ता परवीन को लेकर बातें होती रहीं। खासकर महिलाओं के बीच शाइस्ता हर पल चर्चा का विषय है। 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद से शाइस्ता परवीन का पता नहीं है। पुलिस टीमों के साथ एसटीएफ दिल्ली तक शाइस्ता की तलाश में पहुंची थी।
इसके बाद तो बड़े-बड़े घटनाक्रम होते गए पर शाइस्ता नहीं मिली। हर घर की महिलाओं के बीच शाइस्ता को लेकर ही दिन भर चर्चा है। कुछ महिलाओं का कहना है कि शाइस्ता बेबस है तो कुछ का कहना है कि चाहे जिनता डर हो उसे अतीक की मौत के बाद सामने आ ही जाना चाहिए था।
अतीक अहमद की फरार पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश में पुलिस ने अपना सारा ध्यान केंद्रित कर दिया है। पुलिस भी इस बात से हैरान है कि बेटे या अपने पति और देवर की अंत्येष्टि के दौरान नहीं आई। उसके तीसरे बेटे असद को 13 अप्रैल को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। उसके पति अतीक और देवर अशरफ को 15 अप्रैल को प्रयागराज में पुलिस हिरासत में तीन हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी>
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि शाइस्ता परवीन का पता लगाने और उसे गिरफ्तार करने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है। उसे उमेश पाल हत्याकांड में मुख्य आरोपियों में से एक के रूप में नामजद किया गया है। उस पर 50,000 रुपए का इनाम है।
कहा कि हम लोग उमेश पाल की हत्या के बारे में उससे अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ही नहीं बल्कि हथियारों की खरीद और हमलावरों को भुगतान करने के तरीके के बारे में भी पूछताछ करना चाहते हैं। 2017 से अतीक के जेल में होने के कारण शाइस्ता ही बाहरी दुनिया के साथ नेटवर्क से मिलकर अवैध साम्राज्य चलाने में मदद कर रही थी।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 51 वर्षीय शाइस्ता परवीन के खिलाफ प्रयागराज के कर्नलगंज और धूमनगंज थाने में कुल चार आपराधिक मामले दर्ज हैं। कर्नलगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए पहले तीन मामले 2009 में दर्ज किए गए हैं। इनमें 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा या वसीयत की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 471 (धोखाधड़ी) शामिल हैं। जाली दस्तावेज़ का उपयोग करने के अलावा शस्त्र अधिनियम की धारा 30 (लाइसेंस या नियम का उल्लंघन) करने में भी केस दर्ज है।
इनमें से तीन मामलों में पुलिस ने विशेष मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रयागराज की अदालत में चार्जशीट दायर की है। एक मामला उमेश पाल हत्याकांड के बाद धूमनगंज थाने में 24 फरवरी 2023 को दर्ज किया गया था।
उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर रही टीम में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस जांच से पता चला है कि अतीक और अशरफ को गिरफ्तार करने और जेल भेजे जाने के बाद शाइस्ता अतीक के अवैध रियल एस्टेट कारोबार को संभाल रही थी।
पूछताछ के दौरान अतीक अहमद ने अपने एक दर्जन से अधिक सहयोगियों के नामों का खुलासा किया था। यह लोग विशेष रूप से प्रयागराज और कौशाम्बी जिलों के बाहरी इलाकों में उनकी ओर से उनके रियल एस्टेट व्यवसाय को चलाने में सहायता कर रहे थे।
अतीक के सहयोगी शाइस्ता परवीन को भुगतान आदि करते थे। अतीक और अशरफ की मौत के बाद केवल शाइस्ता को ही अतीक के सभी सफेदपोश सहयोगियों के बारे में जानकारी है। अधिकारियों ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी से अतीक के सहयोगियों के बारे में सुराग मिल सकता है।
शाइस्ता उन लोगों के नाम भी बता सकती है जिनसे अतीक को जान का खतरा था। गंभीर सदमे की स्थिति में होने और अस्पताल में इलाज कराने की अफवाहें भी हैं। इस बीच, अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा ने कहा कि शाइस्ता मेरे संपर्क में नहीं है और न ही उसने मेरे माध्यम से अदालत में आत्मसमर्पण की कोई अर्जी दाखिल की है।
प्रयागराज के दामूपुर गांव की रहने वाली शाइस्ता परवीन चार बहनों और दो भाइयों में सबसे बड़ी हैं। उसके पिता हारून अहमद एक सेवानिवृत्त पुलिस कांस्टेबल हैं। उनकी शादी 1996 में अतीक अहमद से हुई थी।