राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 35733 वादों का किया गया निस्तारण

राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 35733 वादों का किया गया निस्तारण

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलरामपुर के तत्ववाधान में अनिल कुमार झा जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बलरामपुर की अध्यक्षता में दीवानी न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। विमल प्रकाश आर्य, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण / अपर जनपद न्यायाधीश बलरामपुर द्वारा बताया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में फौजदारी, राजस्व, उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के अलावा वैवाहिक व भरण पोषण वादों आदि वादों का निस्तारण किया गया।

राम मिलन सिंह पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, बलरामपुर द्वारा 05 वादों का निस्तारण कर 46430 /- रूपये का प्रतिकर धनराशि जारी करने का आदेश दिया गया। श्री इफ्तेखार अहमद अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम बलरामपुर द्वारा कुल 23 वादों का निस्तारण किया गया। जहेन्द्र पाल सिंह अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश (रेप एवं पाक्सो) बलरामपुर द्वारा फौजदारी के 05 वादों का निस्तारण कर 2500/- रूपये का अर्थदण्ड वसूला गया। श्रीमती प्रीतिमाला चतुर्वेदी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलरामपुर द्वारा 4625 फौजदारी वादों का निस्तारण किया गया। ज्ञानेन्द्र कुमार सिविल जज (सी० डि०) / ए०सी०जे०एम० न्यायालय, बलरामपुर द्वारा 384 फौजादारी तथा 10 सिविल वादों का निस्तारण किया गया। अतुल कुमार नायक सिविल जज (सी० डि0) / एफ ० टी० सी०/ए०सी०जे०एम० न्यायालय, बलरामपुर द्वारा 100 फौजादारी तथा 01 बाद उत्तराधिकार का निस्तारण कर 3,29,857 रूपये का प्रमाणपत्र निर्गत करने हेतु आदेश पारित किया गया। सुश्री अक्षिता मिश्रा, सिविल जज ( जू० डि0) बलरामपुर द्वारा 130 फौजदारी वाद का निस्तारण किया। श्री योगेश कुमार चैधरी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम बलरामपुर द्वारा कुल 483 वादों का निस्तारण किया गया। श्री आशीष सिंह अपर सिविल जज जू० डि० उतरौला बलरामपुर द्वारा कुल 692 वादों का निस्तारण किया गया। श्री विनेश कुमार न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय तुलसीपुर बलरामपुर द्वारा कुल 96 वादों का निस्तारण किया गया।

तहसील विधिक सेवा समितियाँ, बलरामपुर द्वारा फौजदारी के 352 वाद, राजस्व के 565 बाद, प्रीलिटिगेशन स्तर पर 27670 वाद एवं 517 बैंक बाद का निस्तारण सुलह-समझौता के आधार पर किया गया है।

इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 35733 वादों का निस्तारण किया गया।

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