साइकिल से चलने वाले सपा सरकार में बने करोड़ों के मालिक आजम पर मुश्किल बढ़ी तो थामा भाजपा का हाथ
कभी साइकिल से चलने वाले सपा सरकार में आजम खां की कृपा से ठेकेदार बन गए और रातोंरात करोड़ों में खेलने लगे। आजम खां के तमाम करीबी कुछ ही दिन में अपनी-अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक बन बैठे।
जब सत्ता परिवर्तन हुआ और आजम खां की मुश्किलें बढ़ीं तो कइयों ने आजम का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। हालांकि, इसके बाद भी आयकर व ईडी के निशाने पर आने से नहीं बच सके। ऐसे कई ठेकेदारों के घरों पर भी शुक्रवार को आयकर विभाग ने छापा मारा। पिछले माह आजम खां के घर पड़े आयकर विभाग के छापे के बाद ऐसे ठेकेदारों की जानकारी मिली जिन्हें सपा सरकार में आजम खां की मदद से बड़े ठेके मिले।
रामपुर एक दर्जन से ज्यादा ठेकेदार निशाने पर
आयकर विभाग के निशाने पर रामपुर के ऐसे करीब एक दर्जन से ज्यादा ठेकेदार हैं। ये ठेकेदार कभी आजम खां के बेहद करीबी थे। इनमें कई लोग तो ऐसे हैं जो सपा सरकार से पहले साइकिल से चलते थे, लेकिन सपा सरकार आने पर आजम की मेहरबानी से करोड़ों के मालिक बन गए। दरअसल जलनिगम, पीडब्लूडी समेत अन्य कार्यदायी संस्था के जरिये होने वाले करोड़ों के निर्माण कार्यों के ठेके इन्हें मिलते थे। इन ठेकेदारों ने रामपुर ही नहीं बल्कि यूपी के तमाम जिलों में ठेके लिए और निर्माण कार्य कराए।
आय का बड़ा हिस्सा जौहर ट्रस्ट तक पहुंचता था
सूत्रों के मुताबिक इन ठेकों से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा जौहर ट्रस्ट, जौहर यूनिवर्सिटी तक पहुंचता था। करोड़ों कमाने के बाद भी ये लोग आयकर नहीं भरते थे। जौहर यूनिवर्सिटी के तमाम भवनों का निर्माण भी इन्हीं ठेकेदारों ने कराया, जिनका मूूल्याकंन पिछले दिनों आयकर विभाग की टीम कर चुकी है। आजम पर शिकंजा कसने के बाद इन ठेकेदारों ने खुद को बचाने के लिए सत्ता पक्ष का दामन थाम लिया, लेकिन कार्रवाई की जद से नहीं बच पाए। अब आयकर टीम ऐसे ठेकेदारों की कुंडली खंगाल रही है। यह कार्रवाई उस समय हुई जब आजम खां, अब्दुल्ला आजम और आजम की पत्नी तजीन फात्मा जेल में बंद हैं।
आर्किटेक्ट के दफ्तर में मिले पुख्ता सुराग
जांच में सामने आया कि लखनऊ के आर्किटेक्ट अहमद हारुन की फर्म मस्टडम इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड को सपा सरकार में जल निगम और सीएंडडीएस के तमाम प्रोजेक्ट की डिजायन बनाने का काम दिया गया था। आजम के करीबी माने जाने वाले अहमद हारुन के दफ्तर से जौहर विश्वविद्यालय में हुए निर्माण कार्यों से संबंधित तमाम अहम दस्तावेज बरामद किए गये हैं। पिछली बार आजम और उनके करीबियों के ठिकानों पर मारे गये छापों में इन दस्तावेजों को खोजा जा रहा था, जो शुक्रवार को आर्किटेक्ट के दफ्तर से बरामद कर लिए गए।
करीबी आईएएस ने दिए सुराग
दरअसल आयकर विभाग ने कुछ दिन पहले आजम के मंत्री रहने के दौरान उनके सचिव रहे आईएएस अधिकारी को तलब कर दो दिन तक गहन पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक पूछताछ के दौरान पूर्व सचिव ने आजम खां और जौहर विश्वविद्यालय के अलावा जल निगम व सीएंडडीएस से जुड़े तमाम अहम राज कबूल दिए, जिसके बाद आजम के करीबी ठेकेदारों और आर्किटेक्ट की फेहरिस्त बनाकर कर शुक्रवार को छापे मारे गये। छापे की कार्रवाई शनिवार को भी जारी रह सकती है।
800 करोड़ रुपये की गड़बड़ी आई थी सामने
सितंबर माह में जौहर ट्रस्ट में 800 करोड़ की टैक्स चोरी के प्रमाण आयकर विभाग को मिले थे। जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में हुए खर्च का ब्योरा सही नहीं मिलने पर आयकर विभाग ने सीपीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों की मदद से पूरे परिसर का मूल्यांकन कराया है। अधिकारियों के मुताबिक सीपीडब्ल्यूडी ने मूल्यांकन रिपोर्ट देने के लिए एक माह का समय मांगा है। अनुमान है कि जौहर विश्वविद्यालय में करीब 1500 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं।
भाजपा नेता के घर पर भी पड़ा आयकर का छापा
आयकर विभाग की 12 टीमें शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे रामपुर पहुंच गईं। टीमों ने शहर कोतवाली क्षेत्र के माला सिनेमा रोड स्थित पूर्व सभासद एवं ठेकेदार फरहत अली खां के यहां छापा मारा। वहीं, शाहबाद गेट के पास रहने वाले जुनैद, घेर नज्जू खां निवासी असद खां, झूले वाली इमली में नईम खां, लाल मस्जिद निवासी सिराज खां, मोहल्ला घेर तोगा में आजम के करीबी गालिब नूर ठेकेदार के घर भी छापा मारा। इसके अलावा आयकर की टीमों ने अजीतपुर में कृष्ण गोपाल, मुरसैना के हाजी हनीफ, खारीकुआं निवासी पूर्व प्रधान अनोखे अली, बाग छोटे साहब निवासी शाइन खां, हाजी सदाकत अली के भी यहां भी छापा मारा। टीम ने इसके अलावा मिलक में एक भाजपा नेता नन्हे राम पांडेय के आवास पर भी पहुंचकर जांच पड़ताल की।