काले कानून से थमे ट्रको के चक्के,ट्रांसपोर्टरों ने किया सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी

काले कानून से थमे ट्रको के चक्के,ट्रांसपोर्टरों ने किया सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी
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हिट एंड रन को लेकर ड्राइवरों के खिलाफ केन्द्र सरकार लाई नया कानून
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देशभर मे ट्रास्पोर्ट यूनियनों ने नए भारतीय न्याय संहिता कें अधिनियम के खिलाफ अपना विरोध जता रहे है। विशेष रूप से यूनियनो ने नए कानून के तहत हिट एंड रन मामलो के संबंध में प्रस्तावित कडे प्रावधानों को लेकर चितिंत है। कुछ यूनियनों ने तो इसे कठोर कानून करार दिया है उन्होने कानून को वापस लेने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से माँग की है। आज कस्बा बिहारीगढ मे स्थित मनोहपुर रेस्ट कैंप में सभी ट्रक चालकों और ट्रासपोर्ट यूनियनों ने आज हड़ताल पर रहे । वहीं इस काले कानून कें खिलाफ नारेबाजी की । हडताल मे सोमपाल, शौकिन मलिक, रोहित कश्यप, छोटा, लोकेश कुमार, कुलदीप कुमार, अमित कुमार, मदन कुमार, नरेश काम्बोज, प्रवेश काम्बोज, रिंकू, नरेश आदि ने इस कानून का बहिष्कार किया और धरना प्रदर्शन किया।
*क्या कहता है हिट-एंड-रन कानून?*
भारतीय न्याय संहिता के तहत हिट-एंड-रन मामले के नए प्रावधानों के मुताबिक, अगर कोई आरोपी ड्राइवर सड़क हादसे के बाद अधिकारियों को बिना सूचना दिए बिना दुर्घटना स्थल से भाग जाता है तो उसे 10 साल की जेल की सजा काटनी पड़ेगी. साथ ही साथ जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है. नए कानून को दो श्रेणियों में रखा गया है. पहला, ‘लापरवाही से मौत का कारण’, अगर कोई आरोपी ड्राइवर मौत का कारण बनता है तो वह गैर इरादतन हत्या नहीं है. उसे अधिकतम पांच साल की जेल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. दूसरा, कोई ड्राइवर लापरवाही या असावधानी से गाड़ी चलाकर किसी की मौत का कारण बनता है और भाग जाता है. साथ ही घटना के बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को घटना की रिपोर्ट नहीं करता है, तो उसे जुर्माना के साथ-साथ दस साल तक की जेल का सामना करना पड़ेगा. मौजूदा समय में पहचान के बाद हिट-एंड-रन मामलों के आरोपियों पर धारा 304 ए के तहत मुकदमा चलाया जाता है, जिसमें अधिकतम दो साल की जेल की सजा होती है ।

*रिपोर्ट :- कुलदीप सिंह*
*उधम सिंह चौहान*
*मनोज काम्बोज*

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