स्केल ऑफ फाइनेंस के निर्धारण हेतु जिला स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक डीएम की अध्यक्षता में संपन्न
पब्लिक सेक्टर बैंको की सामंतवादी सोच नहीं होगी बर्दाश्त , ग्रामीण क्षेत्रों में केसीसी सहित कम अवधि के छोटे लोन बांटें बैंक -डीएम
डीएम ने एआईएफ लोन बांटें जाने में लापरवाही पर एसबीआई के शाखा प्रबंधक का किया स्पष्टीकरण तलब
नए फसली वर्ष में कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड में प्रति हेक्टेयर बैंकों से अधिक ऋण प्राप्त हो सके इसके लिए स्केल का फाइनेंस के निर्धारण हेतु जिला स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक डीएम अरविंद सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में डीएम ने खरीफ एवं रबी की फसल में प्रति हेक्टेयर में लगने वाली लागत का सर्वे करते हुए स्केल का फाइनेंस निर्धारित किए जाने का निर्देश दिया। स्केल का फाइनेंस के निर्धारण में न्यूनतम समर्थन मूल्य , प्रति हेक्टेयर लाभ आदि बिंदुओं पर विशेष चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में केसीसी सहित कम अवधि के एग्रीकल्चर छोटे लोन बांटे , जिससे कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो।
डीएम सिंह ने पब्लिक सेक्टर बैंक विशेषकर एसबीआई के सामंतवादी सोच को अति दुर्भाग्यपूर्ण बताया । उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंक का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे एग्रीकल्चर लोन बांटते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बैंक से जोड़ना एवं सशक्त बनाना है , जिसमें की जनपद में पब्लिक सेक्टर बैंक खरे नहीं उतर रहे हैं । जनपद में प्रायः देखा जा रहा है कि पब्लिक सेक्टर के बैंक इंश्योरेंस पॉलिसी , म्यूचुअल फंड में तो विशेष रुचि ले रहे हैं किंतु एग्रीकल्चर लोन देने में पीछे है ।
उन्होंने कहा कि बैंको की ऐसी मानसिकता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है , बैंक अभियान चलाकर केसीसी साहित छोटे एग्रीकल्चर लोन ग्रामीण क्षेत्रों में बांटे , वरना उच्च स्तर पर कार्रवाई को तैयार रहे।
उन्होंने एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लोन बांटने में लापरवाही पर एसबीआई के शाखा प्रबंधक का स्पष्टीकरण तलब किया ।
इस अवसर पर उपनिदेशक कृषि , जिला कृषि अधिकारी , डीडीएम नाबार्ड , लीड बैंक मैनेजर , समस्त बैंकों के शाखा प्रबंधक व अन्य अधिकारी / कर्मचारीगण उपस्थित रहे।