लखनऊ में रुका सीएम योगी का बुल्डोजर एक्शन,बैठक के बाद लिया गया फैसला

लखनऊ में रुका सीएम योगी का बुल्डोजर एक्शन,बैठक के बाद लिया गया फैसला

लखनऊ।उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते काफी दिनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर का एक्शन जारी है।इसे लेकर कई मकानों को ध्वस्त किया जा चुका है और अन्य कई मकानों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी है।ऐसे में अब अहम फैसला सामने आया है।राजधानी में जारी बुल्डोजर एक्शन फिलहाल के लिए रुक गया है।दरअसल रहीम नगर,पंतनगर, अबरार नगर और खुर्रम नगर में घरों पर लाल निशान लगाए थे।सीएम ने आज आवास पर इसे लेकर एक अहम बैठक की है।इन इलाकों में रहने वाले लोगों को फिलहाल के लिए राहत मिली है और बुलडोजर की कार्रवाई को रोक दिया गया है।

*घर के बाहर लगाई गई रजिस्ट्री की कॉपी*

बता दें कि जब से लोगों के घरों के आगे लाल निशाना लगाया गया है, तब से ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। इलाके के लोगों ने अपने मकान के बाहर रजिस्ट्री की कॉपी चिपका दी है,ताकि सरकार को यह बताया जा सके कि घर का निर्माण वैध तरीके से हुआ है और उसके लिए सभी सरकारी मानकों का पालन किया गया है।शनिवार और रविवार को इसके विरोध में अलग-अलग तरह से प्रदर्शन करने वाले इलाके के लोग सोमवार रात अचानक शंख,ढोल और नगाड़े बजाने लगे।

*क्या बोले सीएम योगी*

बीते एक माह से अपने सपनों के घर को तोड़े जाने की भ्रामक खबरों से परेशान पंतनगर, इन्द्रप्रस्थ नगर और रहीमनगर आदि क्षेत्रों के लोगों की समस्या का मुख्यमंत्री योगी ने ने समाधान कर दिया है।मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे प्रभावित परिवारों के भय और भ्रम का समाधान करते हुए सीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थ नगर वहां निवासरत लोगों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।संबंधित प्रकरण में एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है। फ्लड प्लेन जोन में निजी भूमि भी सम्मिलित है,लेकिन निजी भूमि को खाली कराने की न तो वर्तमान में कोई आवश्यकता है और न ही कोई प्रस्ताव है। निजी भूमियों में बने निजी भवनों के ध्वस्तीकरण का कोई विषय विचाराधीन नहीं है।

*घरों के बाहर क्यों लगाए गए चिह्न*

सीएम योगी ने कहा कि फ्लड प्लेन जोन चिन्हींकरण के दौरान भवन निर्माणों पर लगाये ग‌ए संकेतों से आम जन में भय और भ्रम फैला है।इसका कोई औचित्य नहीं था और इसके लिए जवाबदेही तय की जाए।सीएम ने उक्त क्षेत्र में साफ-सफाई व जनसुविधाओं के विकास के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए हैं। सीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तत्काल क्षेत्र में विजिट करें, लोगों से मिलें और उनका भय और भ्रम दूर किया जाए। प्रभावित परिवारों से वार्ता करते हुए सीएम ने कहा कि रिवर बेड विकसित करने में यदि कोई निजी भूमि पर बना भवन निर्माण आता है, जिसका प्रमाणित स्वामित्व किसी निजी व्यक्ति का है, उसे नियमानुसार समुचित मुआवजा देकर ही अधिग्रहीत किया जाएगा। सीएम से मिलने के बाद प्रसन्नचित परिवारों ने सीएम के प्रति आभार जताया और योगी हैं तो यकीन है के नारे भी लगाए।

*एनजीटी के आदेशों के बाद किया गया चिन्हांकन*

बता दें कि कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त एवं पुर्नजीवित करने के सम्बन्ध में सिंचाई विभाग द्वारा विगत दिनों एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है। नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (NMCG) की अधिसूचना-2016 के क्रम में उक्त कार्यवाही की जा रही है। कुकरैल नदी के दो प्लेन चिन्हित किये गये हैं। पहला नदी तल और दूसरा फ्लड प्लेन जोन। रिवर बेड लगभग 35 मीटर चौड़ाई में तथा फ्लड प्लेन जोन नदी किनारे से 50 मीटर तक सिंचाई विभाग द्वारा चिन्हित किया गया है। कतिपय व्यक्तियों द्वारा फ्लड प्लेन जोन के चिन्हांकन के सम्बन्ध में कई मिथ्या तथ्यों को प्रचारित किया जा रहा था, जिसे लेकर स्थानीय जनता में भय और भ्रम का माहौल था।

*जानें क्या है मामला*

बता दें कि लखनऊ के कुकरैल नदी के किनारे घरों को चिन्हित किया गया था। नदी के 50 मीटर के दायरे में बने घरों को अवैध बताया गया। कुकरैल रिवरफ्रंट के दायरे में
रहीमनगर,खुर्रमनगर,इंद्रप्रस्थनगर,पंतनगर और अबरारनगर के करीब एक हजार मकान हैं।मकानों को चिह्नित कर उन पर लाल निशान लगा दिए गए थे।इन मकानों पर बुलडोजर चलाया जाना था।लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। लोगों का कहना था कि हम सबके पास रजिस्ट्री की कॉपी है, बिजली के बिल हैं,फिर घर कैसे अवेध हो गया।यहां पर रहने वाले लोगों का कहना था कि जीवनभर की कमाई से उन्होंने मकान बनाया था,लोन लिया था,मकान टूटने के बाद हम लोग सड़क पर आए जाएंगे।कई निवासियों ने यहां तक कहा था कि हमें अपनी बेटी की शादी इसी घर से करनी थी।लोगों की ये गुहार सीएम योगी तक पहुंची।जिसके बाद सीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक की।बैठक के बाद निर्देश दिया गया कि रहीम नगर,पंतनगर,खुर्रमनगर और अबरार नगर में कुकरैल नदी के किनारे घर नहीं तोड़े जाएंगे।

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