*संभावित बाढ़ की तैयारियों एवं राहत कार्य हेतु अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक संपन्न*
*बाढ़पूर्व सभी तैयारियां पूर्ण कर लें संबंधित विभाग- अपर जिलाधिकारी*
जनपद में संभावित बाढ़ एवं उससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान, तैयारियों एवं राहत कार्य हेतु अपर जिलाधिकारी राम अभिलाष की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक संपन्न हुई।
बैठक में उपस्थित प्रीतम लाल, सहायक अभियन्ता, बाढ़ खण्ड बलरामपुर द्वारा अवगत कराया गया जनपद के कुल 17 तटबंधों पर 32 संवेदनशील स्थान चिन्हित किए गए हैं। अपर जिलाधिकारी द्वारा अधिशाषी अभियंता को कटान स्थलों व कराए जा रहे कार्यों का ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। सहायक अभियन्ता, बाढ़ खण्ड, बलरामपुर को निर्देशित किया गया कि सभी बन्धों का 30 अप्रैल से पूर्व निरीक्षण कर लें तथा इसमें रेनकट व रैटहोल वाले स्थानों को चिन्हित कर मरम्मत कार्य करायें। कोड़री घाट पुल के एप्रोच मार्ग पर खतरा अधिक है। कोड़री घाट पर कार्य अभी ही प्रारम्भ कर दें तथा एप्रोच मार्ग को सुरक्षित करने के लिए नदी की धारा को डायवर्ट करने का प्रयास किया जाय। अतिसंवेदनशील एवं संवेदनशील तटबंधों का चिन्हीकरण एवं उनके सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य किए जाएं। बाढ़ बचाव हेतु बोल्डर्स, बालू भरी बोरियां, जी0ओ0 बैग्स, अन्य सामग्री व स्टाफ/मजदूरों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। अति संवेदनशील तटबन्धों पर किए गए कार्यों का सत्यापन तथा निरीक्षण कार्य किया जाए। वर्षा अवधि में बाढ़ क्षेत्रों में सभी अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहें। तटबन्धों/बंधों के कटान एवं दरार आदि को रोकने के समुचित उपाय किए जाएं। डी0पी0आर0ओ0 को निर्देशित किया गया कि ग्राम सभाओं में मौजूद नावों के मरम्मत कार्य को समय रहते पूर्ण कर लिया जाए। पशु चिकित्साधिकारी तहसीलदार/उपजिलाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित करके पशुशाला तथा भूसा भंडारण के लिए स्थान का चिन्हीकरण कर लें। तहसीलदार/एस0डी0एम0 कंट्रोल रूम की स्थापना करके उसमें शिफ्टवार ड्यूटी लगाकर सूचित करें। इन दूरभाष नम्बरों का प्रचार प्रसार भी कराया जाए। बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों की डायरेक्टरी बनायी जाय। जिसमें उनके मोबाइल नम्बर आदि का ब्योरा एकत्रित किया जाए। आपदा मित्रों का कार्यक्षेत्र, मोबाइल नम्बर आदि से सम्बंधित विवरण अपडेट कर लें। बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से पूर्व बाढ़ से सम्बंधित कार्य में लगे जनपद स्तर के समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों, नाविकों के मोबाइल नम्बर तथा पते की डायरेक्टरी तैयार कर ली जाय। तहसीलदार/उपजिलाधिकारी बाढ़ग्रस्त होने वाले ग्रामों के प्रभावित परिवारों की सूची बना लें। बीमार व अशक्त लोगों की सूची अलग से बनाएं। कटान वाले ग्रामों का नक्शा पहले व बाद में प्रभावित होने वाले परिवारों को क्रमवार रखते हुए बनाएं। जिससे प्रभावित लोगों को बाद में सहायता प्रदान करने में आसानी होगी।
आई0एम0ए0 व एन0जी0ओ0 का भी सहयोग बाढ़ के दौरान लिया जाय। इसके लिए इनके पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की जाय। बाढ़ के दौरान अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टी स्वीकृत न की जाय। तहसीलदार/उपजिलाधिकारी बाढ़ शरणालयों के लिए जनरेटर की व्यवस्था अभी से सुनिश्चित कर लें। सहायक अभियंता प्रा0खण्ड, लो0नि0वि0, बलरामपुर ने बताया कि पिछले साल आयी बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत विभागीय मद से करा दिया गया है। इसके लिए आपदा राहत मद से कोई धन प्राप्त नहीं हुआ है। उन्हें निर्देशित किया गया कि बाढ़ में बंद हो जाने वाले मुख्य मार्गों के अलावा वैकल्पिक मार्गों के मरम्मत का कार्य भी 30 अप्रैल तक पूर्ण करा लेेें। संवेदनशील क्षेत्रों एवं तटबन्धों तक पहुंचने एवं सामग्री आपूर्ति हेतु वैकल्पिक मार्गों का चिन्हीकरण एवं उनका समुचित सुदृढीकरण किया जाए। मार्ग में आई दरारों और गड्ढों का भराव, पानी के निकास की व्यवस्था, किनारों की मरम्मत तथा पत्थर से भराव कार्य किया जाए। विभिन्न शरणालय/राहत केन्द्र से आपदा क्षेत्र के मध्य सम्पर्क मार्ग की मरम्मत एवं पुर्नस्थापना सुनिश्चित की जाए। पुलों व सड़कों की मरम्मत हेतु आवश्यक उपकरणों व सामग्रियों की समय से उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि पशुओं का वैक्सिनेशन कार्य बरसात से पूर्व पूर्ण कर लें। वैक्सिनेशन कार्य में बाढ़ प्रभावित ग्रामों को वरीयता दी जाय। जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया गया कि बाढ़ राहत केन्द्रों की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी उनकी होगी।
बाढ़ के दौरान सबसे ज्यादा बाढ पीड़ितों को पीने के पानी की समस्या उत्पन्न होती है। गांवों के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी तथा शहरी क्षेत्र के लिए नगर निकायों के अधिशाषी अधिकारियों को को निर्देशित किया गया कि खराब हैण्ड पम्प की मरम्मत कराने के साथ ही उन्हें उच्चीकृत करा दें,ताकि पीड़ितों को साफ पीने का पानी उपलब्ध हो सके। जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया गया कि गांवों के आंतरिक सम्पर्क मार्गों की मरम्मत का कार्य, स्ट्रीट लाइट मरम्मत का कार्य तथा पंचायत घर,प्राथमिक विद्यालय, सामुदायिक केन्द्र,आंगनबाड़ी आदि का मरम्मत कार्य बाढ़ से पूर्व करा लिया जाए। अपर पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पी0ए0सी0 बाढ़ वाहिनी की तैनाती, बोटों एवं गोताखोरों की व्यवस्था तथा वायरलेस सेटों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
मुख्य चिकित्साधिकारी बलरामपुर को निर्देशित किया जाता है कि वह बाढ़ से उत्पन्न होने वाले विभिन्न बीमारियों से निपटने हेतु दवा की व्यवस्था कर लें, बाढ़ के दौरान स्टाफ की ड्यूटी लगाने हेतु सूची तैयार कर उपलब्ध कराएं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पर्याप्त वांछित दवाईयों का चिन्हांकन कर समुचित स्टॉक की व्यवस्था सुनिश्चित करें। बाढ़ के दौरान सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने के कारण वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। संक्रामक रोगों एवं महामारियों से बचाने के लिए आवश्यक प्रतिरोधात्मक(टीकाकरण) व्यवस्था एवं सघन चिकित्सीय व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
बैठक में उपस्थित क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी को निर्देशित किया गया कि बाढ़ से सम्बन्धित सभी तैयारियां पूर्ण कर लें तथा आपूर्ति विभाग के द्वारा खाद्यान्न एवं खाद्य पदार्थो की उपलब्धता नियमानुसार करायें। डीजल आदि का भण्डारण पूर्व से सुनिश्चित कर ली जाये। कैरोसीन की व्यवस्था के लिए भी प्रयास कर लिया जाय। अधिशाषी अभियंता विद्युत को निर्देशित किया गया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित न हो इसके सभी इंतजाम कर लिए जाए। पूर्व में बाढ़ से प्रभावित विद्युत व्यवस्था प्रणाली को समय से पुर्नस्थापित कर लिया जाए। बाढ़ के दौरान विद्युत उपकरणों की सुरक्षा के उपाय किए जाएं।
बैठक उपस्थित सभी अधिकारियों से अपेक्षा की गई कि वह बाढ़ पूर्व तैयारी से सम्बंधित रिपोर्ट जिलाधिकारी महोदया की अध्यक्षता में होने वाली बैठक से एक दिन पूर्व अवश्य उपलब्ध करा दें। अपने विभाग से सम्बंधित बाढ़ आपदा प्रबंधन कार्ययोजना आपदा प्रबंधन कार्यालय को उपलब्ध करा दें।
बैठक में अपर उपजिलाधिकारी ज्योति गौतम,अधिशासी अभियंता विद्युत, तीनों तहसीलों के तहसीलदार, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग,सहायक अभियंता बाढ़ खंड प्रीतमलाल,रजनीकांत व अन्य संबंधित अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।