गरीब बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना फाउंडेशन का उद्देश्य: सुधा बौद्ध
अंबिका फाउंडेशन ने गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का शुरू किया भागीरथी प्रयास
श्रावस्ती के चाइना मंदिर कैंपस में निशुल्क शिक्षा के साथ स्टेशनरी व अन्य सामग्री भी बच्चों को कराया मुहैया
फाउंडेशन अध्यक्ष के उत्कृष्ट कार्य समाज सेवा के लिए बनी मिसाल
बलरामपुर गरीब बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सामाजिक संस्था का फाउंडेशन में एक नई पहल शुरू की है संस्था में श्रावस्ती के चाइना मंदिर कैंपस में फुल ग्रामीण गरीब बच्चों को तालीम देने का काम शुरू किया है जो शिक्षा की मुख्यधारा से अछूते रहे हैं निशुल्क शिक्षा के साथ-साथ उन्हें स्टेशनरी व अन्य सामग्री भी देकर नौनिहालों के भविष्य को संवारने की नई इबारत लिख रही है।
संस्था के अध्यक्ष सुधा बौद्ध की पहल यहां गरीब अभिभावकों को अपने बच्चों को पढ़ाने का अवसर दे रही है वही महंगाई के समय में आर्थिक तंगी के शिकार गरीब अभिभावक बच्चों को घर के काम लेना कम कर दिए हैं और उन्हें निशुल्क शिक्षा दिलाने लगे हैं फाउंडेशन अध्यक्ष ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश गरीबों को प्रत्येक दशा में सहयोग करना है चाहे वह कानूनी सहयोग हो शिक्षा का सहयोग हो आर्थिक सहयोग हो अथवा अन्य परेशानियां नहीं हो उन सभी की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर समाधान कराना मुख्य उद्देश रहा है इतना ही नहीं संस्था ने कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरतमंदों की मदद भी बढ़कर किया है वही प्रवासी मजदूरों को भरपेट भोजन व राशन भी उपलब्ध कराने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर रहा है इतना ही नहीं घर से निष्कासित बुजुर्गों को वृद्ध आश्रम में जाकर समय-समय पर उनकी मदद करके उनके हौसले को बढ़ाते हुए आवश्यक सामग्री देकर उनकी मदद भी बड़ी उपलब्धि रही हो अपने उत्कृष्ट कार्यों की कार्यों को बढ़ाते हुए श्रावस्ती के नदी के तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीण बच्चों को निशुल्क शिक्षा देकर उनके भविष्य को संवारने का जो कार्य किया है वह है मिसाल से कम नहीं है फाउंडेशन अध्यक्ष ने बताया कि ऐसे बच्चों को टीम के पदाधिकारी चिन्हित करके उन्हें निशुल्क रूप से संचालित स्कूल मै पढ़ने का संकेत अवसर दे रहे हैं साथ ही साथ उन्हें काफी पेन पेंसिल रबड़ किताब सहित अन्य आवश्यक सामग्री भी निशुल्क देकर उन्हें शिक्षा की और निरंतर बहा रहे हैं सामाजिक संस्था फाउंडेशन के कार्य इतने तक सीमित नहीं है घरेलू हिंसा हो या महिला उत्पीड़न दहेज उत्पीड़न की बात रही हो यार बेटियों पर शिक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा सभी में बढ़-चढ़कर आगे सहयोग करने वाली फाउंडेशन अध्यक्ष के कार्य निरंतर समाज में मिसाल बनते जा रहे हैं उनके इस कार्य में विशेष सहयोग के रूप में उनके पति प्रशांत कुमार एवं मां भाई बहन का विशेष योगदान है जो ऐसे कार्यों में खर्च आने पर सदैव सहयोगी के रुप में तत्पर रहते हैं।