*फाइलेरिया अभियान में लगे अधिकारी/कर्मचारी शतप्रतिशत लोगों को खिलायेंगें फाइलेरिया रोधी दवा-सीडीओ*

*फाइलेरिया अभियान में लगे अधिकारी/कर्मचारी शतप्रतिशत लोगों को खिलायेंगें फाइलेरिया रोधी दवा-सीडीओ*

दिनांक 09 मई, 2022

बलरामपुर- फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की डिस्ट्रिक्ट कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी रिया केजरीवाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को संकल्प दिलाया कि हम फाइलेरिया बीमारी को खत्म करने में अपना सहयोग देंगें और जनपद को फाइलेरिया से मुक्त करायेंगें। उन्होंने कहा कि 12 मई से 27 मई, 2022 तक अभियान के तहत फाइलेरिया रोधी दवा स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर अपने सामने खिलायेंगें और गांव के आस-पास के लोगों को इसके प्रति जागरूक करेंगें। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करें कि साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाए जिससे मच्छरों से उत्पन्न होने वाली बीमारियों को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, समाज सेवी फाइलेरिया बीमारी को खत्म करने में अपनी सहभागिता निभाएंगें। फाइलेरिया अभियान में लगे अधिकारी/कर्मचारी शतप्रतिशत लोगो को फाइलेरिया रोधी दवा खिलायेंगें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
बैठक के दौरान अपर सीएमओ डा0 एके0 सिंघल ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी को फीलपांव अथवा हाथीपाव के नाम से जाना जाता है। यह रोग घातक नहीं है परन्तु शारीरिक विकृति उत्पन्न करने वाला रोग है। यह एक निमेटोड परजीवी द्वारा होने वाला रोग है जिसे फाइलेरिया पैरासाइट कहते है। यह पैरासाइट क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों के काटने से मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर जाता है। लगभग 90 प्रतिशत केसेज में व्यक्ति को कोई तकलीफ नहीं होती है और व्यक्ति स्वस्थ्य नजर आता है,परन्तु वह रोग का वाहक हो सकता है और संक्रमित व्यक्ति को बुखार एवं प्रभावित अंगों में दर्द, गांठो में सूजन एवं लालिमा हो सकती है। फाइलेरिया की रोकथाम हेतु पूरे समुदाय को एन्टीफाइलेरियल दवा डाईएथाइल कार्वामेजिन और एल्वेन्डाजोल की केवल एक खुराक एक ही दिन में निर्धारित डोज में खिलाकर इस रोग के संचरण को रोक सकते है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवा नहीं देनी है। साथ ही यह भी बताना जरूरी है कि दवा खाली पेट नहीं खायें। बच्चों को एल्वेन्डाजोल की गोली चबाकर खाने को बताया जाए। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है।
इस दौरान जिला विद्यालय निरीक्षक गोविन्द राम,बीएसए डा0 रामचन्द्र,जिला कार्यक्रम अधिकारी निहारिका सिंह, डीएसओ,समस्त पीएससी/सीएचसी के डाक्टर व अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

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