डीएम ने बैठक कर बाढ़ पूर्व तैयारियों को परखा, विभागीय अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश
दिनांक- 11 अगस्त 2022
जिलाधिकारी डॉ0 महेन्द्र कुमार ने कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ सम्बन्धी की गई तैयारियों की विभागवार समीक्षा की। पीपीटी प्रजेन्टेशन के माध्यम से डीएम ने तैयारियों को परखा तथा अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए हैं।
बैठक में राजस्व विभाग, स्वास्थ्य, पशु पालन, कृषि, आपूर्ति, पुलिस, बाढ़ खण्ड, सिंचाई, विद्युत, नगर निकाय सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने अपने विभाग से सम्बन्धित तैयारियों का विवरण डीएम के सामने प्रस्तुत किया। जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद में बाढ़ प्रभावित ग्रामों का तहसीलवार ब्रेकअप उसके नक्शे के साथ तैयार किया जाय। विगत 10 वर्षों में बाढ़ प्रभावित ग्रामों की सूची तहसीलवार प्रारूप पर बनाई जाय तथा औसतन बाढ़ प्रभावित ग्रामों का विवरण तैयार किया जाय।
इसके अलावा ग्राम स्तर पर स्थापित बाढ़ चौकियों पर बाढ़ आपदा के दौरान सहायता प्राप्त करने एवं किसी भी प्रकार की सूचना के लिए जनपद, तहसील एवं ब्लाक स्तरीय अधिकरियों के मोबाइल नम्बर व बाढ़ कन्ट्रोल रूम के नम्बरों को प्रदर्शित किया जाय ताकि जनसामान्य सहायता प्राप्त कर सकें। इसके अलावा बाढ़ चौकियों का फ्लोचार्ट तैयार किया जाय जिसमें बाढ़ चौकियों द्वारा सम्पादित किए जाने वाले कार्यों आदि का विवरण हो। बाढ़ चौकियों के नामित नोडल अधिकारी द्वारा बाढ़ कार्य से सम्बन्धित नियुक्त कर्मचारियों की बैठकें अगले एक सप्ताह के अन्दर आयोजित करा ली जायें जिसमें ग्रामवासियों की सहभागिता सुनिश्चित कराई जाय। बैठक में ग्रामवासियों को बाढ़ से बचाव के बारे में क्या करें-क्या न करें, आदि के बारे में बताया जाय। बाढ़ चौकियों एवं राहत शिविरों में ड्यूटी पर लगाए गए कर्मियों के नाम, पदनाम व मोबाइल नम्बर भी प्रदर्शित किए जाएं ताकि आवश्यकता पड़ने पर सम्बन्धित कर्मियों से सम्पर्क किया जा सके। जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे ग्राम पंचायत सचिवालयों में आपदा राहत से सम्बन्धित सभी नम्बरों को प्रदर्शित कराएं।
सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि बाढ़ चौकियों एवं राहत शिविर स्थलों का एक बार पुनः स्थलीय निरीक्षण कर लें तथा बाढ़ बचाव कार्य में लगाए गए राजस्व विभाग व अन्य विभागों के कर्मियों को निर्देशित करें कि वे ड्यूटी स्थल पर अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें तथा प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाय कि कार्मिकों के मोबाइल नम्बर स्विच ऑन रहेें। बाढ़ राहत के लिए आवश्यक समस्त सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाय।
बैठक में अधिशाषी अभियन्ता बाढ़ खण्ड जे0के0 लाल ने बताया कि जनपद में बाढ़ कन्ट्रोल रूम स्थापित कर संचालित कर दिया गया है। बताया गया कि बाढ़ से बचाव हेतु बाढ़ खण्ड द्वारा 11 परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, लगभग सभी परियोजनाएं पूर्ण होने की स्थिति में हैं। पीडब्लूडी के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि बाढ़ से बचाव को लेकर बनाई बाढ़ चौकियों एवं राहत शिविरों तक सुगमता से पहुंचने के लिए बने सम्पर्क मार्गों का पुनः निरीक्षण कर लें, यदि अभी भी कोई भी राहत केन्द्र या बाढ़ चौकी पर पहुंचने के लिए रास्ते को आवागमन योग्य बनाने की आवश्यकता हो तो उसे भी आवागमन योग्य बनवा दें।
मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि सभी बाढ़ निगरानी चौकियों, राहत केन्द्र तथा संभावित प्रभावति ग्रामों मे आशाओं के माध्यम से दवाओं की पैकेट वितरित करा दें। पैकेट में दी गई दवाओं को कैसे उपयोग करें, इसके बारे में भी बताया जाय। बाढ़ चौकियों एवं राहत कैम्पों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एन्टी रैबीज वेनम/एन्टी स्नैक वेनम के इंजेक्शन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराएं। यह भी निर्देश दिए गए कि इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित होने वाले सभी ग्रामों में अभियान चलाकर टीकाकरण कराया पूरा करा लिया जाय। शुद्ध पेयजल हेतु क्लोरीन की टैबलेट का वितरण कराया जाय तथा ग्रामीणों को क्लोरीन की टैबलेट से पानी को शुद्ध करने की विधि भी बताई जाय। संचारी रोगों से बचाव हेतु आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की टीम बनाकर अभियान को सफलतापूर्वक संचालित कराया जाय।
इसके अलावा बैठक में जिला पूर्ति अधिकारी, पंचातीराज, विद्युत विभाग, पशुपालन विभाग कृृषि विभाग, नगर निकाय अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग द्वारा की गई तैयारियों के बारे में विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में अपर जिलाधिकारी राम अभिलाष, जिला आपदा सलाहकार सचिन मदान व जिला आपदा विशेषज्ञ अरूण सिंह सहित समस्त उपजिलाधिकारीगण, स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज, खाद्य एवं रसद विभाग, बाढ़ कार्य से सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।