*उतरौला पुलिस ने लेखपाल संघ के अध्यक्ष व सहकर्मी को जमकर पीटा*
*आरोपी पुलिस कर्मियों के निलंबन पर अड़ा लेखपाल संघ उतरौला*
*जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर लेखपाल संघ बलरामपुर ने की कार्य वाही की मांग*
पुलिस से लेखपाल लगा रहे थे अर्जी,की हम लेखपाल है साहब ,चोर नहीं मुझे!हमे मत मारो
हम लेखपाल हैं साहब मुझे मत मारो!लेकिन उतरौला पुलिस कर्मियों ने लेखपालों की एक न सुनी। लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष बृजेश सिंह और उनके साथी अखिलेश वर्मा को डंडा, व लात घूसा से जमकर पिटाई के बाद सिपाहियों ने दोनों को कोतवाली परिसर में ले जाकर कमरे में बंद कर दिया। लेखपालों द्वारा इसकी सूचना किसी तरह उप जिलाधिकारी को दी गई। जिसके बाद दोनों लेखपाल पुलिस की हिरासत से आबाद हुए। उक्त घटना 13 अक्टूबर करीब रात 10:00 बजे की है इस घटना के संबंध में लेखपाल और पुलिस के विवाद पर पर्दा डालने में प्रशासन जुटा है आरोपी सिपाही को निलंबित करने के आश्वासन पर 3 दिन से लेखपाल कार्यवाही के इंतजार में गोपनीय तरीके से हड़ताल करते रहे। लेकिन जब रविवार तक कार्रवाई नहीं हुई।तो लेखपालों का आक्रोश भड़क गया। लेखपालों ने तहसील में हड़ताल की चेतावनी दी है। तहसील परिसर के बंद कमरे में बैठक कर लेखपालों ने रविवार को मीडिया के सामने पूरी घटना बताई ।तहसील संघ के अध्यक्ष बृजेश सिंह ने बताया कि,बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य से लौटने के बाद तहसीलदार के आवास पर रिपोर्ट करने गए थे। इसी बीच एक व्यक्ति दिखा।उसको पकड़ कर पूछताछ करने लगे। भीड़ देखकर वह भागने लगा अखिलेश वर्मा के साथ उसका पीछा करते हुए कोतवाली परिसर तक पहुंच गए चोर भाग रहा था कोतवाली परिसर में घुस गया था वहीं से बाहर निकलने पर सिपाहियों ने पूछा कौन हो? इस पर पीड़ित दोनों लेखपालों ने बताया कि हम उतरौला तहसील के लेखपाल हैं।और तहसीलदार के आवास से चोर भाग रहे थे वही अंदर गया था। इस पर सिपाहियों ने कहा कि लेखपाल हो !तो क्या गवर्नर हो? इतना कहते हुए लाठी,डंडा व लात,घूसा से मारने पीटने लगे।अधिकारियों द्वारा आरोपी सिपाहियों को शनिवार तक निलंबित करने का आश्वासन दिया गया था।लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई। जिससे नाराज तहसील अध्यक्ष विजय सिंह ने सोमवार से तीनों तहसीलों में हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है। और कहा है कि मुझे सभी संघों का समर्थन मिला है।