किसान फसलों में कीट/रोग से बचाव हेतु दवाओं का करें छिड़काव तथा लें वैज्ञानिक सलाह-जिला कृषि रक्षा अधिकारी
दिनांक 12 जनवरी, 2023
बलरामपुर- वर्तमान समय में गिरते हुए तापमान के साथ-साथ आपेक्षिक आर्द्धता बढ़ने के कारण रबी की फसलों में कीट/रोग के प्रकोप की सम्भावना बढ़ गयी है। इन सामयिक कीट/रोगों की पहचान कर इनसे होने वाली क्षति से बचाव हेतु सुझाव एवं संस्तुतियों की एडवाइजरी जारी की गयी है। यह जानकारी जिला कृषि रक्षा अधिकारी इन्द्रेषु गौतम द्वारा दी गयी।
उन्हांेने कहा कि आलू का अगेती एवं पछेती झुलसा, राई/सरसों का माहू कीट, राई/सरसों की फसल का अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा रोग, मटर की फसल में मिल्ड्यू रोग, गेहूॅ में पीली गेरुई रोग आदि की पहचान कर इसके प्रभावी नियन्त्रण हेतु किसान भाई ससमय रसायनिक दवाओं का छिड़काव करें तथा वैज्ञानिक सलाह भी लें। उन्होंने कहा कि राई सरसों का माहू कीट के शिशु एवं प्रौढ़ पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलों एवं नई कलियों के रस चूसकर कमजोर कर देते है। कीट मधुस्राव भी करते है जिसपर काली फफूॅद उग जाती है। इसके नियंत्रण हेतु एजडिरैक्टिन, डाईमेथोएट, आॅक्सीडेमेटान अथवा क्लोरपाइरीफास आदि का घोल बनाकर छिड़काव करें। गूेहूॅ में पीली गेरुई रोग के नियंत्रण हेतु प्रोपिकोनाजोल पानी में घोल बनाकर छिड़काव व पी0बी0डब्ल्यू 723 आदि की बुवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस समय किसान भाई अपने खेत की सतत् निगरानी करते हुये रोग दिखने पर अपने नजदीकी कृषि रक्षा इकाई पर सम्पर्क करें अथवा सहभागी फसल निगरानी एवं नियंत्रण प्रणाली के व्हाट्एप् नम्बर-9452247111 या 9452257111 पर इसकी सूचना तत्काल देकर समाधान /सलाह प्राप्त कर सकते है।