कानपुर-मां बेटी की जलकर मौत के मामले में जांच के लिए मड़ौली पहुंचीं दोनों एसआईटी,जुटाए साक्ष्य,की पूछताछ

कानपुर-मां बेटी की जलकर मौत के मामले में जांच के लिए मड़ौली पहुंचीं दोनों एसआईटी, जुटाए साक्ष्य,की पूछताछ

कानपुर देहात उत्तर प्रदेश,

कानपुर देहात मड़ौली में अतिक्रमण हटाने के दौरान लगी आग से मां-बेटी की जलकर हुई मौत के मामले में जांच और विवेचना के लिए गठित दो अलग-अलग एसआईटी शुक्रवार को चालहा गांव पहुंचीं। शासन से गठित पहली एसआईटी में शामिल मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर और एडीजी आलोक कुमार ने घटनास्थल का जायजा लिया।मड़ौली गांव के पंचायत भवन में पीड़ित परिवार से बातचीत कर बयान दर्ज किए। वहीं, बंद कमरे में डीएम से पूछताछ की।
उधर, डीजीपी स्तर से गठित दूसरी एसआईटी में शामिल सीओ विकास जायसवाल की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम रूरा थाने गई। वहां से एफआईआर, जीडी की नकल व घटना से जुड़े दस्तावेज कब्जे में लिए। तहसील से भी कागजात लेकर घटनास्थल पर मौका मुआयना किया। नक्शा बनाया और मौैजूद लोगों से पूछताछ की। देर शाम तक टीम ने घटनास्थल पर साक्ष्य जुटाए। इस दौरान दोनों टीमों ने पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई।
मंडलायुक्त और एडीजी दोपहर करीब एक बजे मड़ौली ग्राम पंचायत पहुंचे। दोनों अफसरों ने अवैध कब्जा हटाने वाले स्थान को देखा। इसी दौरान डीएम नेहा जैन भी वहां पहुंच गईं। तीनों अफसरों ने मातहतों से कुछ बात भी की। इस दौरान गांव वाले दूर ही खड़े रहे। करीब 25 मिनट तक घटनास्थल पर रहने के बाद सभी अफसर पंचायत भवन पहुंचे।
यहां मंडलायुक्त व एडीजी ने मृतका प्रमिला के बेटे शिवम व अंश से घटना की जानकारी ली। कुछ ग्रामीणों के भी बयान लिए। इसके बाद दोनों अफसरों ने डीएम नेहा जैन से पंचायत भवन के कमरे में सवाल पूछे। गांव के प्रधान समेत कुछ लोगों को बुलाकर घटना के बारे में जानकारी ली। इसके बाद मंडलायुक्त व एडीजी एक गाड़ी व डीएम व एसपी एक गाड़ी पर बैठकर चले गए।
पहली बार मौके पर पहुंचीं डीएम
घटना के बाद लोगों में आक्रोश रहा था कि कृष्ण गोपाल 14 जनवरी की रात को डीएम के पास गए थे, लेकिन उन्होंने खुद बात सुनने के बजाय एसडीएम व तहसीलदार को मौके पर भेज दिया था। इसके बाद उन लोगों के खिलाफ अकबरपुर और रूरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कर दी गई थी। इस नाराजगी को भांप कर अफसरों ने उन्हें मौके और मां-बेटी के अंतिम संस्कार के दौरान बिठूर आने से रोक दिया था। शुक्रवार को डीएम पहली बार घटनास्थल पर पहुंचीं। इसके बाद गांव के पंचायत घर में उनसे बात की गई। हालांकि डीएम घटनास्थल व बिठूर गई थी, लेकिन अपने गाड़ी में बैठी रही थीं।
विवेचक के इस नंबर पर दें साक्ष्य
मां-बेटी की मौत के मामले की विवेचना कर रहे डिप्टी एसपी विकास जायसवाल ने कहा कि घटना से जुड़े साक्ष्य, बयान और वीडियो आदि लोग उनके मोबाइल नंबर 9454403573 पर दे सकते हैं। इसके साथ ही संबंधित व्यक्ति खुद भी आकर साक्ष्य दे सकता है।
पुलिस के रडार में एसडीएम व एसओ
कानपुर देहात। चाहला गांव में मां-बेटी की मौत के मामले में नामजद निलंबित एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद, रूरा थानाध्यक्ष दिनेश गौतम पुलिस के रडार में हैं। बड़े अफसरों का इशारा होते ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति का कहना है कि हत्यारोपी पुलिस और प्रशासनिक अफसरों व कर्मचारियों की तलाश की जा रही है। आरोपियों को पकड़ने के लिए गठित की गई पुलिस की चार टीमें लगातार संभावित स्थान पर दबिशें दे रही हैं लेकिन कोई हाथ नहीं आया है। आरोपियों के मोबाइल भी स्वीच ऑफ हैं। आरोपियों का पता लगाने के लिए उनके करीबियों के मोबाइल नंबरों को भी सर्विलांस में लगाया गया है। जल्द ही सभी फरार आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।

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