खूंखार गैंगस्टर दूसरे राज्यों में हो सकते हैं शिफ्ट, हरकत में तिहाड़ प्रशासन, दिल्ली सरकार को लिखा लेटर

खूंखार गैंगस्टर दूसरे राज्यों हो सकते हैं शिफ्ट, हरकत में तिहाड़ प्रशासन, दिल्ली सरकार को लिखा लेटर

नई दिल्ली. हाल में ही तिहाड़ जेल में कुख्यात गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया और प्रिंस तेवतिया की हत्या के बाद से जेल प्रशासन अलर्ट पर आ गया है. गैंगवार से तिहाड़ जेल प्रशासन की काफी किरकिरी हो रही है.इसी को ध्यान में रखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिल्ली सरकार को एक लेटर लिखा है जिसमें गैंगस्टरों की दूसरे राज्यों के जेलों में शिफ्ट करने पर चर्चा की गई है जेल प्रशासन ने सरकार से ‘ट्रांसफर ऑफ प्रिजनर एक्ट’ में संशोधन करने की मांग की है ताकि जेल में बंद अंडरट्रायल कैदियों को दूसरे राज्यों में शिफ्ट किया जा सके.

क्यों पड़ी संशोधन की जरूरत?

फिलहाल नियम ये है की एक राज्य के जेल से किसी दूसरे राज्य के जेल में कैदियों का ट्रांसफर करने के लिए उस राज्य की परमिशन लेनी होती है. लेकिन तिहाड़ प्रशासन ने जेल में हुए गैंगवार को देखते हुए कई खूंखार कैदियों को दूसरे राज्यों में ट्रांसफर करने पर विचार कर रही है. हाल में तिहाड़ जेल में गैंगस्टर प्रिस और टिल्लू ताजपिरुया हत्याकांड के बाद जेल प्रशासन ने यह लेटर लिखा है. टॉप सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, तिहाड़ प्रशासन इन कैदियों को जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों में ट्रांसफर करने के तैयारी में है. मालूम हो कि तिहाड़ जेल में करीब 10 से ज्यादा गैंगस्टर हैं और 100 से अधिक उनके गुर्गे यहां बंद हैं.

कई अधिकारियों पर गिरा गाज

जेल में हुई इन दो हत्याओं के बाद डीजी तिहाड़ ने जेल में शख्त एक्शन लिया. उन्होंने 11 मई को 99 जेल स्टाफ का ट्रांसफर कर दिया था. इसके अलावा तिहाड़ जेल में तैनात तमिलनाडु स्पेशल पुलिस (TNSP) के सात कर्मियों को वापस तमिलनाडु भेज दिया गया. टिल्लू की हत्या के समय सातों जवान वहीं मौजूद थे. जेल में सख्ती करने को लेकर एहतियात के तौर पर डीजी तिहाड़ ने अपनी सुरक्षा बढ़ा ली थी.

तिहाड़ जेल पर कैदियों का ओवरलोड

मालूम हो कि तिहाड़ जेल की क्षमता मात्र 5200 कैदियों की है जबकि यहां 20 फरवरी 2023 तक कुल 13000 कैदी बंद हैं. 8 हजार से अधिक कैदी यहां ठूंसे पड़े हैं. ऐसे में सुरक्षा को लेकर चिंता तो बन ही सकती है. घूसखोरी के लिए यहां के अधिकारी भी बदनाम हैं. ऐसे ही नहीं तिहाड़ जेल को ‘घूस महल’ के नाम से जाना जाता है. यहां पैसे के बल पर कैदी हर सुविधा का फायदा उठाते हैं. वहीं, तिहाड़ जेल में पिछले 9 साल में 12 से अधिक गैंगवार जैसी वारदात हो चुकी है, इसमें कुल 9 कैदी मारे गए हैं, जबकि कई पोलिसकर्मी घायल भी हुए हैं.

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हाई सिक्योरिटी कैमरे के बाद भी गच्चा

सुरक्षा के लिहाज से ही तिहाड़ जेल के तमाम हाई सिक्योरिटी वार्ड समेत अलग-अलग इलाकों में 7500 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जबकि 1248 कैमरे और लगाए जाने की तैयारी है. कई कैदी समय-समय पर जेल में वैन चीजों के साथ पकडे जाते हैं, लेकिन वह कैदी जो प्रहसन की मिलीभगत से पाते हैं, उनका क्या?

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