AAP नेतृत्व और सिसोदिया ने अवैध रकम का जुगाड़ करने के लिए बनाई थी नई आबकारी नीति
ED ने लगाए आरोप प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी नवीनतम चार्जशीट में आरोप लगाया है कि AAP नेतृत्व और पूर्व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021-22 को अवैध रकम का जुगाड़ करने के लिए लाया था।ईडी ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया पर मामले में शामिल एक अभियुक्त से कथित रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया। ईडी ने इस रकम को पीएमएलए के तहत ‘अपराध की आय’ करार दिया है।
ईडी ने इस महीने की शुरुआत में दाखिल की गई अपनी अभियोजन शिकायत में कहा था कि अमित अरोड़ा ने जीओएम रिपोर्ट/आबकारी नीति 2021-22 में अपने पक्ष में नीतिगत बदलाव लाने के लिए दिनेश अरोड़ा के जरिए मनीष सिसोदिया को 2.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया। ईडी का कहना है कि यह रिश्वत है और पीएमएलए, 2002 की धारा 2(1)(यू) के तहत अपराध की आय है। इस तरह मनीष सिसोदिया अपराध की इस आय को जुटाने में शामिल रहे हैं।
ईडी का कहना है कि अमित अरोड़ा शराब कंपनियों ‘बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड’, ‘पॉपुलर स्पिरिट्स’ और ‘केएसजेएम स्पिरिट्स एलएलपी’ के प्रवर्तक हैं, जबकि दिनेश अरोड़ा को सिसोदिया का करीबी बताया जाता है। दिल्ली की विशेष अदालत ने मंगलवार को इस पांचवें आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया। अदालत ने 51 वर्षीय मनीष सिसोदिया के खिलाफ एक जून को हाजिर होने के निर्देश दिए। इसके लिए अदालत ने पेशी वारंट जारी किया। अदालत की ओर से जारी पेशी वारंट में कहा गया कि मामले में प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं।
उल्लेखीय है कि ईडी ने मनीष सिसोदिया को नौ मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया तिहाड़ में बंद थे क्योंकि सीबीआई ने उन्हें इसी मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी की ओर से दाखिल किए गए नए आरोप-पत्र में कहा गया है कि सिसोदिया ने ‘अपराध की आय (2.2 करोड़ रुपये) हासिल की और इसको छिपाने में शामिल रहे। इतना ही नहीं ईडी ने सिसोदिया पर ‘जांच को बाधित करने के भी आरोप लगाए हैं। ईडी ने सिसोदिया को सबूतों को मिटाने के लिए डिजिटल साक्ष्यों को नष्ट करने में शामिल होने का भी आरोप लगाया।