लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी शिकायतों की जांच हेतु आन्तरिक परिवाद समिति का करे गठन
जिला प्रोबेशन अधिकारी सतीश चन्द्र ने बताया की महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की धारा 4 के अनुपालन में जनपद स्तर पर आन्तरिक परिवाद समिति (Internal Complaints Committee) के गठन का प्राविधान किया गया है अतः ऐसे प्रत्येक शासकीय, अर्द्ध शासकीय एवं अशासकीय (निजी) विभाग, संगठन, उपक्रम, स्थापन, उद्यम, संस्था, शाखा अथवा यूनिट में जहां कार्मिकों की संख्या 10 से अधिक है, ऐसे सभी कार्यालयों के नियोजकों द्वारा कार्य स्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी शिकायतों की जांच हेतु आन्तरिक परिवाद समिति का गठन किया जायेगा। यदि कोई नियोजक अपने कार्यस्थल में नियम के अनुसार आन्तरिक परिवाद समिति का गठन न किये जाने पर सिद्ध दोष ठहराया जाता है तो नियोजक पर रू0 50 हजार का अर्थदंड अधिरोपित किये जाने का प्राविधान है तथा नियोजक द्वारा दूसरी बार सिद्धदोष ठहराये जाने पर पहली दोष सिद्धि पर अधिरोपित दण्ड से दुगने दण्ड का दायी होगा।