भूकम्प में फंसे नवोदय विद्यालय के बच्चों को एनडीआरएफ की टीम ने सकुशल निकाला
एनडीआरएफ एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की गई मॉक ड्रिल
भूकम्प की दृष्टि से संवेदनशील और जोन फोर में शामिल जनपद बलरामपुर में भूकंप जैसी आपदा से निपटने के लिए मॉकड्रिल के माध्यम से तैयारियों को परखने हेतु राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गृह मंत्रालय भारत सरकार एवं जिलाधिकारी श्री अरविन्द सिंह के निर्देशन में मंगलवार को 11वीं बटालियन एनडीआरएफ वाराणसी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुुक्त तत्वाधान में जवाहर नवोदय विद्यालय घूघुुलपुर में प्राकृतिक आपदा भूकम्प के सम्बन्ध में मॉक अभ्यास का सफल आयोजन किया गया जिसमें पुलिस और जिला प्रशासन की टीम के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग, फायर डिपार्टमेंट, शिक्षा विभाग एवं प्रशिक्षित आपदा मित्रों ने हिस्सा लिया.
भूकम्प आने की सूचना पर नवोदय विद्यालय में सायरन की आवाज गूंज होने लगी। इमारत में छात्र-छात्राआंें एवं अध्यापकों के फंसे होने की सूचना जिला कन्ट्रोल रूम को दी गई। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन तुरन्त हरकत में आया। एनडीआरएफ की टीम के साथ-साथ पुलिस बल, मेडिकल टीम एवं फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंची। घटना स्थल पर पहुंचने पर एनडीआरएफ की टीम ने प्रारंभिक आकलन किया और एक साथ ऑपरेशन का बेस, कमांड पोस्ट, मेडिकल पोस्ट, कम्युनिकेशन पोस्ट स्थापित किए गए। इन्सीडेन्ट कमान्डर एसडीएम सदर, डिप्टी कमान्डेन्ट एनडीआरए एवं जिला आपदा विशेषज्ञ के निर्देशन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। एनडीआरएफ की टीम द्वारा इमारत की दूसरी व तीसरी मंजिल पर फसंे हुए सभी लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल लिया गया। इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं कों भूकम्प आने की स्थिति में स्वयं के साथ-साथ अन्य लोगों का भी बचाव करने के बारे में अभ्यास कराया गया।
👉 *बिल्डिंग में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल कर अस्पताल पहुंचाने का किया गया अभ्यास*
भूकम्प से बिल्डिंग में लोगों के फंसे होने का आकलन करने के तुरंत बाद डिप्टी कमान्डेन्ट के निर्देशन में टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए इमारत में पहुंच बनाकर गंभीर रूप से फंसे पीड़ितों को बचाया। मंजिल में फंसे अन्य पीड़ितों को विभिन्न रस्सी बचाव तकनीकों से बचाने का अभ्यास किया गया। सभी पीड़ितों को मेडिकल एजेंसियों द्वारा अस्पताल पूर्व उपचार देने के बाद अस्पताल पहुंचाने का अभ्यास किया गया। इमारत में फसें लोगों को सुरक्षित निकालने के साथ ही इमारत में फंसे बच्चे को रेस्क्यू कर रस्सी के जरिए एनडीआरएफ टीम द्वारा सुरक्षित निकाला गया।
👉 *आग से बचाव की भी की गई मॉक ड्रिल*
इसके साथ ही आग लगने की स्थिति में आपदा प्रबंधन का पूर्वाभास किया गया। एसडीएम राजेन्द्र बहादुर, डिप्टी कमान्डेन्ट एनडीआरएफ संतोष कुमार और सीओ सिटी बृजनंदन राय ने मौजूद लोगों को जानकारी दी और आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूक किया।
इस दौरान एसडीएम सदर राजेन्द्र बहादुर, डिप्टी कमान्डेन्ट एनडीआरएफ संतोष कुमार, सीओ सिटी बृजनंदन राय, एसीएमओ डा0 ए0के0 चौधरी, जिला आपदा विशेषज्ञ अरूण सिंह, एनडीआरएफ निरीक्षक गोपी गुप्ता, प्रधानाचार्या गीता मिश्रा, एसएचओ कोतवाली देहात जयदीप दूबे, आपदा सहायक प्रवीण पाण्डेय, आपदा लिपिक राजेश कुमार सहित आपदा मित्र व छात्रा-छात्राएं तथा अध्यापक उपस्थित रहे। आपदा विशेषज्ञ द्वारा मॉक अभ्यास के सफल आयोजन पर सभी अधिकारियों एवं एजेन्सियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।