आपदा आने से पहले मोबाइल पर अलर्ट देने का होे रहा ट्रॉयल, न घबराएं जनपद वासी-डीएम अरविन्द सिंह

आपदा आने से पहले मोबाइल पर अलर्ट देने का होे रहा ट्रॉयल, न घबराएं जनपद वासी-डीएम अरविन्द सिंह

आपदा की समस्याओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार और दूरसंचार विभाग त्वरित सूचना देने के लिए एक नया प्रयोग कर रहा है। ताकि आपदा प्रबंधन विभाग के संदेशों को लोगों तक समय से पहुंचा जा सके। इसके लिए दूरसंचार विभाग परीक्षण कर रहा है।
केंद्र और प्रदेश सरकार आपदा की समस्याओं से निपटने के लिए एक तरफ जहां मौसम की जानकारी से संबंधित संसाधनों में इजाफा करने जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग अब तहसील स्तर पर ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम और ब्लॉक मुख्यालय पर रेन गेज लगाने की तैयारी शुरु हो गई है। अगले मानसून सत्र से लोगों को इसका लाभ मिलने लगेगा। आपदा आने से पहले जानकारी के अभाव में लोगों को कभी-कभी भारी नुकसान उठाना पड़ता है। यहां तक की जागरूकता के अभाव में आपदा के कारण तमाम लोगों की जान भी चली जाती है। इन आपदा की समस्याओं से निपटने के लिए तरह-तरह के उपाय शुरु किए गए हैं। दूरसंचार विभाग में आपदा से संबंधित संदेशों को पहुंचने के लिए परीक्षण प्रशिक्षण शुरु किया है। यदि आपके मोबाइल पर अलग ध्वनि और कंपन के साथ आपदा से संबंधित संदेश आ रहे हैं। तो घबराएं नहीं यह आपदा आने का वास्तविक संदेश नहीं है, बल्कि अभी इसका परीक्षण किया जा रहा है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और दूरसंचार विभाग के साझा प्रयास से मिलेगा मैसेज।
जिलाधिकारी अरविन्द सिंह ने जनपदवासियों के नाम जारी अपील में कहा है कि दूरसंचार विभाग सभी जिलों में आपदा के दौरान आपातकालीन संचार सुविधाएं बढ़ाने और नागरिक सुरक्षा के लिए यह प्रयोग कर रहा है। इसका उपयोग सरकारी एजेंसियों और आपातकालीन सेवाओं के जरिये लोगों को संभावित खतरों के बारे में सूचित करने के लिए किया जाता है। ऐसे में लोग इससे कदापि घबराएं नहीं बल्कि ओके का बटन दबाएं। उन्होंने बताया कि यह मैसेज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से ट्रायल के तौर पर भेजा रहा है, यह वास्तविक मैसेज नहीं है, इसलिए बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है।

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