डीएम की अध्यक्षता में संभावित शीत लहर से बचाव को लेकर तैयारी बैठक सम्पन्न
रैन बसेरे,अलाव व गौ आश्रय स्थलों में आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित कराने के दिए निर्देश
अभियान चलाकर वाहनों पर रेफ्लेक्टर लगवाने के दिए निर्देश, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ब्लैक स्पाट्स पर लगेगें बोर्ड
आगामी दिनों में संभावित शीत लहर से बचाव को लेकर डीएम अरविन्द सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक आयोजित हुई जिसमें आश्रयहीन व्यक्तियों के लिए रैन बसेरों की स्थापना, रैन बसेरों में मानक अनुरूप प्रबन्धों को सुनिश्चित कराये जाने, प्रत्येक रैन बसेरे के लिए नोडल अधिकारी एवं प्रत्येक रैन बसेरे के लिए केयर टेकर नियुक्त किया जाने, ठण्ड से बचाव हेतु अलाव जलाये जाने वाले स्थलों का चिन्हांकन किये जाने, अलाव वाले स्थलों पर आवश्यकतानुसार लकड़ी इत्यादि का प्रबंध किये जाने, सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत परिवहन विभाग द्वारा अभियान चलाकर वाहनों पर रेडियम रेफ्लेक्टर लगवाया जाने, लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत ब्लैक स्पाट्स का चिन्हांकन कर साइन बोर्ड एवं रेफ्लेक्टर लगवाया जाने, अलाव जलाये के लिए आवश्यक लकड़ी का क्रय किये जाने, गौ आश्रय केन्द्रों व आश्रय स्थलों में गौवंशों के लिए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किये जाने, शीत लहर से बचाव हेतु क्या करें-क्या न करें का व्यापक प्रचार-प्रसार कराये के सम्बन्ध विस्तृत समीक्षा की गई तथा आवश्यक निर्देश दिये गये।
जिलाधिकारी सिंह ने सभी उपजिलाधिकारियों एवं अधिशाषी अधिकारियों को निर्देश दिए कि समस्त नगरीय क्षेत्रों में आश्रयहीन व्यक्तियों व बाहर से आने जाने वाले व्यक्तियों के ठहरने हेतु रैन बसेरे के लिए स्थल का चिन्हांकन कर लें तथा चिन्हित स्थलों की सूचना उपलब्ध करा दें। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि यह ध्यान रखा जाय कि रैन बसेरे सार्वजनिक स्थलों पर हों ताकि लोग आसानी से पहंुच सकें। रैन बसेरों का व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाय। उन्होंने कहा कि रैन बसेरों में मानक अनुरूप सुविधाएं एवं प्रबंन्धों जैसे शौचालय, बिस्तर, चारपाई, अलाव, प्रकाश, साफ-सफाई इत्यादि का समुचित प्रबन्ध सुनिश्चित कर लिया जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक रैन बसेरे के लिए एक नोडल अधिकारी नामित करते हुए उसका दायित्य निर्धारित किया जाय कि वह रैन बसेरे में सभी आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित करायें तथा रैन बसेरे में प्रतिदिन निवास करने वाले व्यक्तियों की संख्या व विवरण जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करायेगें।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि प्रत्येक रैन बसेरे के लिए एक केयर टेकर नियुक्त किया जाय, केयर टेकर का दायित्व होगा कि वह रैन बसेरे में उपस्थित रहकर समस्त आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित कराने के साथ ही देखभाल करेगा। रैन बसेरे में निवासित होने वाले प्रत्येक व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नम्बर, आने का दिनांक व जाने का दिनांक व समय आदि का विवरण रजिस्टर में दर्ज करेेंगे। इसके साथ ही ठण्ड से बचाव हेतु अलाव जलाये जाने के लिए स्थलों का चिन्हांकन उपजिलाधिकारियों एवं नगर निकायों के अधिशाषी अधिकारियों द्वारा कर लिया जाय और चिन्हांकित स्थलों की सूची भी उपलब्ध कराई जाय।
कुहंरे एवं सर्दी के दौरान सड़क दुर्घटनाओं से बचाव को लेकर जिलाधिकारी ने कहा कि ठण्ड के मौसम में घने कुहरे के कारण सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। कुहरे के कारण सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के दृष्टिगत एआरएम रोडवेज एवं एआरटीओ को निर्देशित किया कि रोडवेज बसों एवं अन्य वाहनों पर अभियान चलाकर रेडियर रेफ्लेक्टर लगवाये जायें ताकि सड़क दुर्घटनाएं न हों। सर्दी के मौसम में कुुहरे के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ जाती है।
अधिशाषी अभियंता लेाक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि सड़कों के ब्लैक स्पाट्स पर विजिविल्टी न होने के कारण वाहनों में आमने-सामने की टक्कर होने की घटनाएं प्रकाश में आयी हैं। इसलिए सुरक्षा के दृष्टिगत ब्लैक स्पाट्स का चिन्हांकन कर वहां पर बोर्ड व रेफ्लेक्टर लगवाय जायें जिससे एक्सीडेन्ट से बचा जा सके।
जिला पंचायतराज अधिकारी को निर्देश दिए कि शीत लहर के कारण गौ आश्रय स्थलों में गौ वंशों के मरने की घटनाएं कतई न होने पावें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाय कि ठण्ड से किसी भी गौवंश की मृत्यु न हो। गौ आश्रय केन्द्रों में गौवंशो के लिए पर्याप्त चारा व यथा संभव टाट के बोरे आदि का प्रबन्ध किया जाय। पशु चिकित्साधिकारियों द्वारा गौवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण व यथा आवश्यक टीकाकरण भी कराया जाय। अधिकारियों द्वारा गौशालाओं का नियमित निरीक्षण कर आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित कराये जाएं। इसके अलावा शीत लहर से बचाव हेतु जनसामान्य को जागरूक करने के लिए समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जाय तथा बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित राजस्व प्रदीप कुमार, एसडीएम सदर राजेन्द्र बहादुर, एसडीएम तुलसीपुर अभय सिंह, एसडीएम उतरौला अवधेश कुमार, जिला आपदा विशेषज्ञ अरूण सिंह, अधिशाषी अभियंता पीडब्लूडी भानु प्रताप यादव, डीपीआरओ सुश्री श्रेया उपाध्याय, एआरटीओ अरविन्द यादव, एआरएम रोडवेज, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सभी नगर निकायों के अधिशाषी अधिकारी, आपदा लिपिक राजेश कुमार व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।