जिलाधिकारी ने बाढ़ से निपटने को लेकर अभी से शुरू की तैयारी
डीएम की अध्यक्षता में बाढ़ से बचाव को लेकर आपदा न्यूनीकरण निधि से मनरेगा कन्वर्जन्स के तहत कार्य कराने के लिए विभागीय प्रस्तावों पर हुई चर्चा
जिलाधिकारी अरविन्द सिंह द्वारा बाढ़ जैसी विभीषिका से निपटने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को डीएम की अध्यक्षता में आपदा न्यूनीकरण निधि से कार्य कराने को लेकर मनरेगा सेल, बाढ़ खण्ड, सिंचाई विभाग तथा सभी खण्ड विकास अधिकारियों की बैठक सम्पन्न हुई जिसमें आगामी समय में बाढ़ से होने वाले नुकसान तथा आपदाओं को कम करने के लिए मनरेगा कन्वर्जन्स के माध्यम से कार्य कराने के लिए विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई।
बैठक में चित्तौड़गढ़ बांध के अधिशाषी अभियंता द्वारा खैरमान जलाशय में सिल्ट सफाई तथा ड्रेन जो कि डायवर्ट हो गई है को जलाशय से जोड़ने के लिए मनरेगा से काम कराने के लिए प्रस्ताव दिया गया। एक्सईएन द्वारा बताया गया कि सिल्ट सफाई हो जाने से जलाशय की क्षमता बढ़ेगी तथा बाढ़ का पानी जलाशय में भरने से बाढ़ की आपदा को कम करने में मदद मिलेगी। इस पर चर्चा में जिलाधिकारी द्वारा सहमति देते हुए निर्देश दिए गए कि विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें। बैठक में अधिशाषी अभियंता सरयू नहर खण्ड-4 द्वारा साइफन बनाने का कार्य कराने, अधिशाषी अभियंता सरयू नहर खण्ड-2 गोण्डा द्वारा नहरों में कटान के कार्य के कार्यों का रिस्टोरशन का कार्य कराने सहित कई आदि कार्यों के बारे में परिचर्चा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि एमएलटीडी तटबंध बन जाने से बलरामपुर कस्बे को बाढ़ से बचाया जा सकेगा। उन्होंने एक्सईएन बाढ़ खण्ड को निर्देश दिए कि एमएलटीडी तटबंध का प्रस्ताव स्वीकृत कराने के लिए शासन स्तर पर प्रभामिकता के आधार पर प्रभावी पैरवी करें। इसके साथ दुल्हिनपुर-सिरसिया होते हुए बिजलीपुर तक बनने वाली रिंग रोड के संरेखण के बारे में पीडब्लूडी एवं एनएच के अधिकारियों से वार्ता कर लें जिससे बनने वाले रिंग रोड का निर्माण इस प्रकार से कराया जाय जो कि बाढ़ को रोकने में सहायक साबित हो।
जिलाधिकारी ने सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आपदा से सम्बन्धित सभी विभागीय अधिकारी ऐसे कार्य जो आपदा न्यूनीकरण के दृष्टिगत आपदा न्यूनीकरण निधि के तहत मनरेगा कन्वर्जन्स से कराये जाने आवश्यक हों, उनका प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर लें जिससे बाढ़ आपदा से पहले न्यूनकीरण कार्यों को कराया जा सके। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि बाढ़ पूर्व तैयारियों से सम्बन्धित जो भी कार्य हों, उनके लिए अभी से प्रभावी कार्यवाही प्रारम्भ कर दें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी संजीव मौर्य, पीडी सीपी श्रीवास्तव, डीसी मनरेगा, एक्सईएन बाढ़ खण्ड, एक्सईएन चित्तौडगढ़ बांध, एक्सईएन सरयू नहर खण्डों के अधिशाषी अभियंतागण तथा सभी विकासखण्डों के खण्ड विकास अधिकारीगण उपस्थित रहे।