खाता धारकों ने बैंक शाखा प्रबंधक व कर्मचारियों पर लगाया दो करोड़ रुपये गबन करने का आरोप
धुसवा बाजार/इटई रामपुर (बलरामपुर)- प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक इटईरामपुर शाखा प्रबंधक द्वारा नकद गबन का पर्दाफाश होने के बाद हेराफेरी की परतें खुलने लगी हैं। छह खाताधारकों के फिक्स डिपाजिट लोन और नकदी जमा से करीब 40 लाख रुपये गायब हैं। गबन की जानकारी के बाद खाताधारक अपने खाते की जांच में जुटे हैं। आशंका है कि शाखा प्रबंधक ने करीब दो करोड़ रुपये की हेराफेरी की है।
मदरसा अंसारुल उलूम धुसवा के प्रबंधक अली अहमद ने बताया कि मदरसे के नाम पर 10 लाख का एफडी किया गया था। बैंक खाते से एफडी के लिए धनराशि आहरित हो गई, लेकिन बैंक में उसका कोई लेखाजोखा नहीं है। नारायनपुर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक जव्वाद ने बताया कि 20 लाख रुपये की एफडी की थी। शाखा प्रबंधक ने एफडी का जमा पत्र दिया गया था, लेकिन बैंक में उसका कोई लेखाजोखा नहीं है। गजपुर ग्रिंट निवासी अफजल हसन ने अपने व पत्नी के नाम से पांच लाख 60 हजार रुपये किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत कराया था। दोनों के केसीसी खाते से रुपये गायब हैं।
खाताधारकों के एफडी लोन व जमा नकदी खाते से गायब, साक्ष्य एकत्र कर रही जांच टीम
इटईरामपुर के मोती ने अपने खाते से सिर्फ 10 हजार रुपये निकाले थे, लेकिन उसी वाउचर पर तीन लाख रुपये निकाल लिए गए। मोहम्मद अमजद अली ने स्वीकृत दो लाख 63 हजार रुपये के केसीसी से एक लाख रुपये निकाले थे। अब खाते से पूरे रुपये गायब हैं। गजपुर ग्रिंट निवासी राम विलास ने 23 हजार रुपये नकद जमा किए थे, लेकिन उनके खाते में रुपये नहीं भेजे गए।
पीड़ित खाताधारकों ने बैंक में प्रार्थनापत्र देकर रुपये वापस कराने की मांग की है। गैंड़ासबुजुर्ग थाना के प्रभारी निरीक्षक सुभाष चंद्र ने बताया कि अब तक किसी खाताधारक ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जिन्होंने बैंक में शिकायत दर्ज कराई है, उनके खाते की गड़बड़ी का साक्ष्य जांच टीम एकत्र कर रही है। वरिष्ठ प्रबंधक प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक रश्मि तिवारी ने बताया कि खाताधारकों ने शिकायत की है। सभी खातों की जांच करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।