सरकारी अस्पताल में सीरिंज के साथ 20 रुपए में लगता है एंटी रैबीज का इंजेक्शन
बाहर से लाना पड़ता है सीरिंज 8 से 10 रुपए में खरीदना पड़ता है सीरिंज
सादुल्लानगर/बलरामपुर। सीएचसी-पीएचसी के साथ मेडिकल कॉलेज में वैक्सीन तो है, लेकिन सीरिंज नहीं है। तीन माह से ऐसे ही हालात बने हुए हैं। अधिकारियों को इस बारे में कोई खबर नहीं है। शुक्रवार को कुत्ते के काटने से घायल लोग रैबीज का इंजेक्शन लेने गए एक दैनिक समाचार के पत्रकार को ही बाहर से सीरिंज लाने के लिए कहा गया। और यही नहीं वैक्सीन लगवाने के नाम पर वैक्सीनेटर को बीस रुपये भी देने पड़ते हैं। अगर आप बीस रुपये नहीं देंगे तो आपको वैक्सीन नहीं लगेगी। सोचने वाली बात यह है कि जब एक पत्रकार के साथ ऐसा होता है तो आम जनता के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे।
रैबीज की वैक्सीन सीएचसी के साथ ब्लॉक स्तरीय पीएचसी और जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज में लगती है। सुबह आठ बजे से वैक्सीन लगवाने के लिए भीड़ जुटने लगती है। जब पीड़ित वैक्सीनेटर के पास पहुंचते हैं तो पता चलता है कि सीरिंज बाहर से लानी पड़ेगी, और वैक्सीनेटर को बीस रुपये दो। मजबूरी में लोगों को नजदीकी मेडिकल स्टोर से सीरिंज खरीदकर लानी पड़ती है। इसका फायदा मेडिकल स्टोर संचालक उठा रहे हैं। दो से तीन रुपये में मिलने वाली सीरिंज के लिए सात से दस रुपये तक वसूले जा रहे हैं। इससे पीड़ित परेशान होते हैं। सीरिंज लेकर आने के बाद उन्हें लाइन लगानी पड़ती है। एक दिन में महज 50 लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाती है। इससे कई लोगों को निराश लौटना पड़ता है।
दूरभाष पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि पर्याप्त मात्रा में सीएचसी पर सीरिंज उपलब्ध है वैक्सीन का कोई शुल्क नहीं लगता है जांच कराकर दोषियों पर कड़ी कार्यवाई की जाएगी।