बदलते मौसम में बढ़ रहा है फ्लू और हार्ट अटैक का खतरा,डॉक्टर से जानें,दोनों के बीच क्या है कनेक्शन
अक्सर लोग बदलते मौसम के साथ फ्लू को हल्के में लेने लगते हैं, लेकिन अब लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।अभी हाल ही में हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने यह चेतावनी दी है कि फ्लू के कारण हार्ट अटैक का जोखिम दो गुना हो गया है.
इस पर News 18 से बात करते हुए बीएलके हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा कि ऐसा हो सकता है, क्योंकि जैसे कोरोना में आर्टरी के अंदर ब्लड क्लॉट्स देखे गए थे और जिसकी वजह से हार्ट अटैक होने का जोखिम काफी बढ़ गया था, ठीक उसी तरह फ्लू में भी हो सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि फ्लू का जो वायरस है, यह अपना रूप बदल रहा है और इसके साथ-साथ बॉडी पर इसके गंभीर असर भी हो रहे हैं।
क्या फ्लू और हार्ट अटैक का है कोई कनेक्शन?
फिलहाल अभी इस पर रिसर्च जारी है कि क्या कोरोना से ही हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ा है या फिर फ्लू के कारण भी हार्ट अटैक हो सकता है? एक अध्ययन में यह देखा गया है कि बहुत सारे लोगों को हार्ट अटैक फ्लू के बाद आया. कई लोगों को फ्लू के एक हफ़्ते बाद ही हार्ट अटैक आ गया था. फ्लू के कारण ब्लड क्लॉटिंग की समस्या हो सकती है, क्योंकि कोरोना और फ्लू के वायरस आपस में एक जैसे हैं. इनके लक्षण एक जैसे हैं और इनका बचाव भी एक जैसा ही है.क्या कहती है रिसर्च?
फ्लू और दिल के दौरे के बीच संबंधों के बारे में जानने के लिए हार्ट अटैक के कारण अस्पताल में भर्ती लोगों को शामिल किया गया था. इसके लिए लैब टेस्टिंग के आंकड़ों पर ध्यान दिया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि इनमें से 401 व्यक्तियों को उनके फ्लू निदान के एक वर्ष के भीतर कम से कम एक बार दिल का दौरा पड़ा. इनमें 25 हार्ट अटैक के मामले, फ्लू के पहले सात दिनों में रिपोर्ट किए गए थे। फ्लू के बढ़ते खतरे के साथ यह कहना गलत नहीं होगा कि जैसे-जैसे इसका खतरा बढ़ेगा, वैसे-वैसे इसका असर भी कोरोना की तरह ही होगा। ऐसे में जरूरी है कि लोग फ्लू के लक्षणों को नजरअंदाज ना करें।