जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जुलाई माह में प्रारंभ संचारी रोग एवं दस्तक अभियान की तैयारियों की बैठक संपन्न

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जुलाई माह में प्रारंभ संचारी रोग एवं दस्तक अभियान की तैयारियों की बैठक संपन्न

अभियान के दौरान ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में साफ- सफाई की हो समुचित व्यवस्था, आशा एवं एवं फील्ड में जाकर करें जागरूक -जिलाधिकारी

जिले में आगामी एक जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण और 17 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा | वहीं राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत 10 से 28 अगस्त तक सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) 2023 का संचालन किया जाएगा | जुलाई और अगस्त माह में प्रस्तावित इन दोनों अभियानों के सफलतापूर्वक संचालन को लेकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार पहली जनपद स्तरीय अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक हुई | जिलाधिकारी श्री अरविन्द सिंह ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, ग्राम्य विकास तथा पंचायती राज सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों को उनकी सौंपी जिम्मेदारी |

एक माह तक चलने वाले अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी 11 विभागों को सौंपी गई है | इसमें संचारी रोग के मरीजों को चिन्हित कर उनका उपचार कराने, मच्छरों की रोकथाम व सफाई के लिए जागरुकता शामिल है | जिलाधिकारी महोदय ने सभी विभागाध्यक्षों को शासन की मंशा के अनुरूप अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए |

*मानसून आने के साथ संचारी रोगों के फैलने का खतरा ज्यादा* –
जिलाधिकारी महोदय ने कहा कि मानसून आने के साथ समुदाय में डेंगू, मलेरिया व दिमागी बुखार जैसी विभिन्न तरह की संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है | इससे बचाव के लिए रूपरेखा तैयार सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्ययोजना बनाकर काम करें | एक माह तक चलने वाले अभियान में सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए | गांवों व नगरीय इलाकों में गंदगी व झाड़ियों की कटाई कराई जाएगी | इसके अलावा मच्छरों की रोकथाम के लिए फागिंग कराई जाए | अस्पतालों में दवा व चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित रहे | स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर मरीजों को चिन्हित करे और मरीजों के इलाज की व्यवस्था कराई जाए | साथ ही दवा का पर्याप्त वितरण भी हो | उन्होंने कहा कि सतर्कता ही संक्रामक रोगों से बचाव का बेहतर उपाय है |

*विभागों को मिली ये जिम्मेदारियां* –
स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेगी तथा मलेरिया, डेंगू, जेई, एईएस, दिमागी बुखार जैसी संक्रामक बीमारियों खासतौर फाइलेरिया और टीबी मरीजों की लाइनलिस्टिंग करेंगी | ग्रसित मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करवाने का काम करेंगी | नगरीय निकायों को सफाई व जागरुकता की जिम्मेदारी सौंपी गई है | पंचायतीराज व ग्राम्य विकास विभाग भी अपने स्तर से कार्यवाही करेगा | गांवों में ग्राम प्रधान अभियान के नोडल होंगे | घर से जल निकासी और जन-जागरण कराएंगे | पशुपालन विभाग गो-आश्रय स्थल और पोल्ट्री फार्म में सफाई व दवा का छिड़काव कराएगा | मच्छररोधी जालियां लगवाई जाएंगी | बाल विकास सेवा व पुष्टाहार विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा के साथ घर-घर जाकर दिमागी बुखार व संचारी रोगों के मरीजों का आंकड़ा जुटाएंगी | साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन और उनका प्रबंधन करेंगी | शिक्षा विभाग की ओर से अभिभावकों व शिक्षकों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर रोगों से बचाव, रोकथाम के लिए जागरूक किया जाएगा | दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग दिव्यांग बच्चों के लिए आवश्यक सहायक उपकरण उपलब्ध कराएगा | कृषि एवं सिंचाई विभाग जमे हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन को रोकने और मच्छर रोधी पौधे लगवाने का काम करेगा |

*10 अगस्त से घर-घर कराया जाएगा फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन* –

जिलाधिकारी महोदय ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत 10 से 28 अगस्त तक एमडीए अभियान चलाया जाएगा | इसमें लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा (डाईइथाइल कार्बामजीन और एलबेंडाजोल) का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा-आंगनबाड़ी) द्वारा घर-घर जाकर कराया जाएगा |

फाइलेरिया एक प्रकार के कृमि परजीवी ‘वुचेरेरिया बैन्क्रोफटाई’ द्वारा होने वाली बीमारी है | यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है, जो हाथ, पैर, स्तन या अंडकोष की सूजन (हाइड्रोशील), पेशाब में सफ़ेद रंग के द्रव का स्त्राव (काइलूरिया), लंबे समय से सूखी खांसी आना (ट्रॉपिकल स्नोफीलिया) आदि के रूप में दिखाई देता है | जन सामान्य को फाइलेरिया से मुक्ति प्रदान किये जाने के और भारत सरकार के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है |

बैठक में सीएमओ डॉ सुशील कुमार, एसीएमओ वीबीडी डॉ एके सिंघल, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी अरविंद मिश्र, जिला मलेरिया अधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, डीपीएम एनएचएम शिवेंद्र मणि त्रिपाठी, पाथ संस्था की रीजनल एनटीडी ऑफिसर डॉ अपर्णा यादव, जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता विनोद त्रिपाठी, डीएमसी शिखा श्रीवास्तव व पीसीआई के प्रतिनिधि अतुल कुमार समेत अन्य लोगों ने प्रतिभाग किया |

 

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