आई फ्लू से बचाव हेतु आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा सुझाए गए उपाय

आई फ्लू से बचाव हेतु आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा सुझाए गए उपाय

जिलाधिकारी अरविन्द सिंह के निर्देशन में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व प्रदीप कुमार नेे बताया कि वर्तमान समय में प्रदेश में बारिश बौर मौसम में लगातार हो रहे परिवर्तन के कारण कई तरह की बीमारियां भी फैल रही हैं। इन दिनों आंखों से जुड़ी बीमारी *आई फ्लू* तेजी से फैल रहा है। इससे बचाव के लिए सभी को सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने जिले के सभी नागरिकों को आई फ्लू से सुरक्षा एवं बचाव के लिए दिशा निर्देश दिए हैं। कहा है कि स्वयं के बचाव के साथ दूसरों को भी बचाव का प्रयास किया जाए।
जिला आपदा विशेषज्ञ अरूण सिंह ने बताया कि आई फ्लू को पिंक आई या कंजेक्टिवाईटीस भी कहते हैं। यह बारिश के मौसम में होने वाली आंखों की समस्या है। इसे आई फ्लू भी कहते हैं। इसमें आंखों के सफेद हिस्से को संक्रमित कर प्रभावित करता है। इस तरह के ज्यादातर मामले सर्दी खांसी वाले वायरस की वजह से बढ़ते हैं। बरसात में फंगल इन्फेक्शन समेत हवा में प्रदूषण, वातावरण में नमी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसके अलावा आई फ्लू से पीड़ित लोगों के साथ हाथ मिलाने या गंदे हाथों से आंखों को छूने एवं पीड़ित व्यक्ति के कपड़े प्रयोग करने से फैलता है।

ये हैं आई फ्लू के बीमारी के लक्षण

आपदा विशेषज्ञ अरूण सिंह ने बताया कि आई फ्लू फैलने के लक्षण, लाल सूजन युक्त आंखें हो जाना, आंखों में सफेद रंग का कीचड़ दिखाई देना, आंखों से पानी बहना, आंखों में दर्द होना, आंखों में जलन व खुजली होना, आंखों के आस पास की त्वचा में लाल दाग होना होता है।

बरतें, सतर्कता

आपदा विशेषज्ञ ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें तथा हाथ बिल्कुल न मिलाएं। आंखों में जलन होने या लाल होने पर स्वच्छ पानी से धोएं। गंदे हाथों को आंखों के पास न ले जाएं, आंखों को छूने से पहले साफ कपड़े का प्रयोग करें तथा आंखों पर चश्मा जरूर लगाएं। अपनी व्यक्तिगत वस्तुएं जैसे तौलिया, तकिया, कास्मेटिक सामान आदि को किसी से साझा न करें।

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