मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अब सभी प्रकार के निराश्रित एवं असहाय बच्चों को मिलेगा लाभ- डीएम अरविन्द सिंह
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अब सभी प्रकार के बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। जिनकी माता तलाक शुदा स्त्री या परित्यक्ता हैं अथवा ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता या परिवार का मुखिया जेल में हैं। बाल श्रम, भिक्षावृत्ति, वेश्यावृत्ति से मुक्त कराए गए बच्चों को भी इस योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। भिक्षावृत्ति में शामिल परिवारों के बच्चों को भी आर्थिक मदद मिलेेगी।
जिलाधिकारी अरविन्द सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत कोरोना काल में हुई थी। इस योजना के तहत कोरोना काल मे अनाथ से बच्चों को 4 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं। यह उन्हें 18 वर्षों तक उनके भरण पोषण और शिक्षा के लिए दिया जाएगा। इस योजना में बदलाव करते हुए इसका नाम उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य कर दिया गया है। इसके तहत अब केवल कोविड के चलते ही नहीं, बल्कि किसी भी कारण से अनाथ हुए सभी 18 साल तक की उम्र के बच्चों को ढाई हजार रुपये हर माह मिलेंगे। इस योजना का लाभ उन बच्चों को मिलेगा जिनके माता या पिता में से एक या फिर दोनों की मौत मार्च 2020 के बाद हुई है। इस योजना का लाभ एक परिवार के अधिकतम दो बच्चों को मिल सकेगा। योजना के अंतर्गत पात्रता की श्रेणी में आने वाले परिवार के बच्चों को हर महीने 2500 रुपये की सहायता धनराशि दी जाएगी। यदि अनाथ हुए बच्चे की उम्र 18 साल से ज्यादा है तो उस बच्चे को 23 साल की उम्र पूरी होने तक या ग्रेजुएशन पूरा होने तक या दोनों में से जो भी पहले पूरा होगा, योजना का लाभ मिलता रहेगा। इसमें कक्षा 12 तक की पढ़ाई, राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा करने वालों को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा नीट, क्लैट और जेईई जैसी राष्ट्रीय स्तर की या राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में सफल बच्चे भी इस योजना का लाभ पाएंगे।
इनको भी मिलेगा योजनाओं का लाभ
करोना कॉल में अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरु किया था। इसमें 18 वर्ष तक के उन बच्चों को ही 4 हजार रुपये प्रतिमाह देने की व्यवस्था है। जिनके अभिभावक की मौत कोरोना के करण हुई। लेकिन नई योजना इससे अलग है। ऐसे बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिल सकेगा, जिनकी माता तलाकशुदा स्त्री या परित्यक्ता हैं। या जिनके माता-पिता या परिवार का मुखिया जेल में है। बाल श्रम, भिक्षावृत्ति, वेश्यावृत्ति से मुक्त कराए गए बच्चों को भी इस योजना के तहत लाभ दिया दिया जाएगा। जिलाधिकारी सिंह ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर ऑफ लाइन आवेदन किया जा सकता है। जनपद में अब तक लगभग 200 बच्चे इस योजना से आच्छादित किये गये हैं।