सुरक्षित दीपावली मनाये जाने के सम्बन्ध में  जनपदवासियों के लिए एडवाइजरी जारी

सुरक्षित दीपावली मनाये जाने के सम्बन्ध में  जनपदवासियों के लिए एडवाइजरी जारी

जिलाधिकारी अरविन्द सिंह के निर्देशन में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा सुरक्षित दीपावली मनाये जाने के लिए अग्नि सुरक्षा के उपाय बताये गये हैं। जनपदवासियों को सुरक्षित दीपावली मनाने के बारे में बताया गया है कि लक्ष्मी पूजन के स्थान से ज्वलनशील पदार्थ जैसे परदा, बिस्तर, कपड़े आदि दूर रखें तथा दीया/मोमबत्ती सुरक्षित स्थान पर जलायें। बिजली के झालर आदि से बिजली के बोर्ड पर अत्यधिक भार न दें। शार्ट सर्किट होेने से आग लगने की संभावना से विशेष रूप से सतर्क रहें। बाजार से लाये गये पटाखों को घर के वयस्क व्यक्ति के नियंत्रण में सुरक्षित स्थान पर आग के श्रोत से दूर ही रखें।पटाखे हमेशा प्रशासन द्वारा मान्यता प्राप्त विक्रेता से ही लें। अनचाही दुर्घटना से बचने के लिए पटाखों पर लिखे सुरक्षा नियमों को ध्यान से पढ़ें। तेज आवाज वाले पटाखे स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, आश्रम आदि के पासे न छुड़ायें। यह ध्वनि प्रदूषण के साथ आपके एवं दूसरों के कानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं तथा दिल के मरीजों को अत्यधिक नुकसान की संभावना रहती है। पटाखे चलाते समय मोटे सूती एवं चुस्त कपड़े पहनें, ढीले कपड़े पहनने पर अग्नि दुर्घटना की संभावना रहती है।पटाखे हमेशा खुले स्थान पर किसी वयस्क व्यक्ति की उपस्थिति पर ही बच्चों को चलाने दें।जले हुये पटाखे इधर-उधर न फेंकते हुए उसे पानी की बाल्टी या सुरक्षित स्थान पर ही रखें। जनवरों के ऊपर एवं वाहनों के आसपास पटाखें न जलायें। अपने घर में पटाखे चलाते समय अग्नि दुर्घटना से तुरन्त निपटने के लिये 02 बाल्टी पानी व बालू भर कर रखें।पटाखों को रात्रि 10.00 बजे से प्रातः 06 बजे के बीच न जलाएं।

.आग लगने पर क्या करें.

आग लगने पर घबरायें नहीं। धैर्य और सूझबूझ से काम लें तथा आग-आग चिल्लायें जिससे अधिक लोग सहायता हेतु एकत्र हों। पटाखों से कपड़े में आग लगने पर दौड़े नहीं बल्कि जमीन पर लेटकर लुढ़कें और बुझाने हेतु पानी का प्रयोग करें।कपड़ो में लगी आग को बुझाने हेतु मोटे कपड़े अथवा कम्बल का प्रयोग किया जा सकता है।पटाखों से जल जाने पर पानी का प्रयोग करें एवं चिकित्सक की सलाह लें। आग लगने की सूचना तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन/फायर स्टेशन को दें। त्योहार में दूसरों की भावनाओं का सम्मान करें। आपात काल में फोन नम्बर फायर स्टेशन 101 व 112 डॉयल करें।

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