अन्याय व अत्याचार पर औरत लें दुर्गा का रूप- सुधा बौद्ध
महिलाओं की शक्ति का केंद्र अंबिका फाउंडेशन
महिलाओं के बगैर राष्ट्र का उत्थान संभव नहीं
बलरामपुर- हर औरत में दुर्गा का रूप होता है ऐसे में महिलाओं को कमजोर समझने वाले महिलाओं का सम्मान करना सीखें उनको समाज में समानता दे ताकि राष्ट्र का उत्थान निरंतर होता रहे आज भारत मैं ही नहीं बल्कि विश्व में बेटियों एवं महिलाओं ने अपनी अमित छाप छोड़ते हुए पुरुषों से कहीं आगे निकलकर कार्य को अंजाम दिया है।जो अविस्मरणीय है यह बातें नवरात्रि में नौ देवी उत्सव कार्यक्रम मैं सामाजिक संस्था अंबिका फाउंडेशन अध्यक्ष सुधा बौद्ध ने कही है। अध्यक्ष का कहना है कि महिला सशक्तिकरण के तहत आज महिलाएं आत्मनिर्भर के साथ-साथ देश के सर्वोच्च पदों पर विराजमान होकर दुर्गा का रूप लेकर निरंतर आगे बढ़ रही हैं उन्होंने बेटियों एवं महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए स्वयं दुर्गा बन कर अन्याय अत्याचार के विरुद्ध समूल नाश करने का मूल मंत्र बताया है उन्होंने कहा कि बेटियां दो घरों के चिराग है। इन पर अत्याचार अन्याय करने वालों पर दुर्गा बनकर टूट पड़े। ताकि महिला को कमजोर समझने वालों की मिथ्या टूट जाए दुर्गा पूजा दिवस के दौरान अध्यक्ष ने सभी महिला बेटियों को मां दुर्गा का अवतार बनकर सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में आगे आने की अपील की है। साथ ही साथ महिला को कमजोर और अबला समझने वालों को सबक देने के लिए भी प्रेरित किया उन्होंने कहा कि महिलाएं अंतरिक्ष यान हो या देश के सर्वोच्च शिखर अथवा सर्वोच्च पद पर बैठकर कमजोर समझने वालों को नसीहत दे चुकी है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि महिलाओं को समानता के साथ सम्मान दिया जाए कमजोर समझने वाले को दुर्गा बनकर उन्हें सबक सिखाया जाए।