दिल्ली में मेट्रो से भी अधिक ऊंचाई पर दौड़ेंगी रैपिड ट्रेन, लोगों को जाम से मिलेगी राहत
दिल्ली में रैपिड ट्रेन, मेट्रो से भी अधिक ऊंचाई पर दौड़ती नजर आएगी। सराय काले खां स्टेशन के पास बारापुला फ्लाईओवर क्रास करने के लिए जमीन से 25 मीटर की ऊंचाई पर विशेष स्पैन (ट्रैक का हिस्सा-वायाडक्ट) तैयार किया जा रहा है।यह मेट्रो के सर्वाधिक 24.5 मीटर ऊंचाई वाले हैदरपुर बादली मोड़ स्टेशन से अधिक ऊंचा है।
वहीं, न्यूयार्क सिटी सब-वे के स्मिथ नाइंथ स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन की ऊंचाई दुनिया में सर्वाधिक 26.7 मीटर है। यानी, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर पर राजधानी में रैपिड ट्रेन का ट्रैक विश्व भर के सर्वाधिक ऊंचाई वाले ट्रैक में शामिल होगा। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर के बीच में आ रहे बारापुला फ्लाईओवर को क्रास करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) एक विशाल स्पेशल स्पैन बना रहा है। इसका निर्माण ग्राउंड लेवल से 25 मीटर की ऊंचाई पर किया जा रहा है।
एनसीआरटीसी अधिकारियों के मुताबिक 82 किमी लंबे कारिडोर के बीच निर्माणाधीन भारत की पहली रीजनल रेल का कारिडोर दिल्ली में सराय काले खां स्टेशन से ही शुरू होता है। न्यू अशोक नगर स्टेशन की ओर बढ़ते समय आरआरटीएस कारिडोर बारापुला फ्लाईओवर और इसके पास स्थित रिंग रोड को पार करता है। इस विशाल क्रासिंग को संभव बनाने के लिए वायाडक्ट स्थापित करने हेतु 260 मीटर लंबा स्पेशल स्पैन बनाया जा रहा है। अभी स्पैन के लिए पिलर बनाया जा रहा है। यह निर्माण इस तरह किया जा रहा है कि सड़क पर ट्रैफिक कम-से-कम बाधित हो।
आठ पिलरों पर बन रहा स्पैन
बारापुला के ऊपर स्पेशल स्पैन आठ पिलरों पर बनाया जा रहा है जिनमें से एक पोर्टल पिलर हैं। स्पैन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इन आठ पिलरों में से केवल एक का निर्माण रिंग रोड पर किया जा रहा है। यह पिलर सिर्फ तीन मीटर जगह ले रहा है। यहां पांच फ्लाईओवर पहले से हैं। इन पांचों के ऊपर से गुजरने वाले इस स्पेशल स्पैन के खंड को मात्र इस एक पिलर से ही सपोर्ट दिया जाएगा। सिविल इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण से भी यह चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस स्पैन की पुख्ता मजबूती के लिए इन सभी पिलरों का निर्माण लगभग 45 मीटर गहरी नींव पर किया गया है।
यहां पहले से मौजूद बुनियादी ढांचों में कम-से कम फेरबदल सुनिश्चित करने के लिए रिंग रोड के बाद के भाग में विशेष स्पैन के लिए बनाए जाने पिलरों को विशेष कैंटीलीवर पिलर के रूप में बनाया जा रहा है। ये पिलर सामान्य पिलर्स से इतर, वायाडक्ट के मध्य के बजाय, एक किनारे बनाए जाते हैं और पिलर आर्म द्वारा वायाडक्ट को सपोर्ट प्रदान करते हैं।
शिफ्ट की गईं पानी की पांच पाइप लाइनें
यहां निर्माण कार्य संभव बनाने के लिए पानी की पांच पाइप लाइनों को भी शिफ्ट किया गया है। एनसीआरटीसी ने पुरानी पाइप लाइनों की जगह अलग-अलग डायमीटर की नई पाइप लाइनें डाली हैं जिन्हें नाले पर एक पुल का निर्माण कर स्थापित किया गया है। यह पूरा काम स्थानीय लोगों की पानी की सप्लाई में कम से कम रुकावट सुनिश्चित करने के साथ किया गया। कारिडोर के रास्ते में आने वाली ईएचटी और अन्य लाइनों को भी शिफ्ट किया गया ताकि निर्माण कार्य में कोई बाधा न आए।