बलरामपुर *क्षमता वर्धन के साथ गर्भवती महिलाओं को बेहतर सुविधा दें स्वास्थ्यकर्मी*: डा0 बी.पी. सिंह
*आशा संगनी व बीसीपीएम के क्षमताबर्धन के लिए आयोजित की गई प्रशिक्षण कार्यशाला*
*गर्भवती देखभाल, प्रसव से लेकर बच्चे के वैक्सीनेशन तक जागरूक बने रहने का आहवान*
आशा कार्यकत्रियों को स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण ईकाई माना जाता है। विभाग के आंख और कान का काम करने वाली इस कडी में संगिनी की भी महत्वपूर्ण भूमिका में होती है। क्षेत्र में कार्य क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से तीन बैचों के माध्यम से आशा संगनी और बीसीपीएम के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
शनिवार को नगर के होटल लव्य इंटरनेशनल में आशा संगनी व बीसीपीएम की क्षमता वर्धन हेतु आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन किया गया। समापन समारोह का शुभारम्भ करते हुए एसीएमओ आरसीएच डा. बी.पी. सिंह ने कहा कि कोरोना काल से उबरते हुए संस्थागत प्रसव को बढ़ाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संगिनियों और आशाओं के ऊपर है, इसे कर्तव्यनिष्ठा से निभाएं। उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई के प्रशिक्षण के दौरान आशा संगिनी व बीसीपीएम को आशा का क्षमता वर्धन कैसे करना है और क्यों करना है। फैसिलेटर को किन बातों का ध्यान रखना है। इसके लिए कितनी प्रोत्साहन राशि मिलेगी। गर्भवती महिलाओं का चिन्हीकरण कैसे करना है। गर्भ का पता चलते ही उनका पंजीकरण करना क्यों जरूरी है। टीकाकरण का क्या महत्व है आदि पर चर्चा की गई। डीपीए पुनीत मणि त्रिपाठी ने प्रशिक्षण में संगनियों को पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के द्वारा मिलने वाले लाभ की जानकारी भी दी गई। प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन पर सभी संगिनियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। प्रशिक्षण में एसीएमओ डा. बी.पी. सिंह, डीपीएम शिवेंद्र मणि, डीपीए पुनीत मणि त्रिपाठी, उतरौला, श्रीदत्तगंज व बलरामपुर की आशा संगनी और बीसीपीएम ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से तीन बैच में करीब 110 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया।