बलरामपुर *डिवाइन पब्लिक स्कूल प्रबंधक का क्रांतिकारी फैसला, प्री-नर्सरी और नर्सरी के बच्चों को मिलेगी निशुल्क शिक्षा*

*डिवाइन पब्लिक स्कूल प्रबंधक का क्रांतिकारी फैसला, प्री-नर्सरी और नर्सरी के बच्चों को मिलेगी निशुल्क शिक्षा*

*डिवाइन पब्लिक स्कूल में कराएं बच्चों का दाखिला नहीं देनी होगी फीस-आशीष उपाध्याय*

*शिक्षा जगत में बड़े परिवर्तन को तैयार डिवाइन पब्लिक स्कूल, प्री-नर्सरी व नर्सरी के बच्चों को साल भर देंगे निशुल्क शिक्षा-अशीष उपाध्याय*

बलरामपुर। यूपी के बलरामपुर में एक स्कूल ऐसा भी है जिसने शिक्षा जगत में क्रांतिकारी परिवर्तन करने के लिए समय समय पर बड़े और कड़े फैसले लेने का काम किया है। वो फिर कोरोना काल मे फीस माफी का फैसला हो या कोरोना में अपने माँ बाप को खोने वाले निराश्रित बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने का फैसला। अब एक बार फिर अपने स्वार्थ को किनारे कर निराश्रित बच्चों के हितों के लिए डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक ने एक कड़ा और बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत डिवाइन पब्लिक स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चो को यहां प्री-नर्सरी और नर्सरी के बच्चों निःशुल्क पढ़ाने का निर्णय लिया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि बच्चों में शिक्षा की बुनियाद को मजबूत किया जा सके और उनके अभिभावकों पर शुरुआती दौर में पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम किया जा सके।

*कोरोना काल मे डिवाइन पब्लिक स्कूल ने दो चरणों मे 64 लाख रुपये की फीस की थी माफ*

आपको बता दें कि कोरोना ने काल के दौरान एक तरफ जहां निजी स्कूलों पर अभिभावकों से फीस लेने का आरोप लगा था तो वहीं दूसरी तरफ डिवाइन पब्लिक स्कूल ने अभिभावकों को राहत देने का काम किया था। “डिवाइन पब्लिक स्कूल” ने पिछले कोरोना महामारी के दौरान लागू हुए लॉकडाउन में न केवल पूरे 1 साल की फीस माफ कर दी थी बल्कि दूसरी लहार में कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की स्कूल की मान्यता जहाँ तक है, मुफ्त पढ़ाई व किताब कॉपी ड्रेस का खर्च भी वहन करने का स्कूल प्रबंधन ने निर्णय लिया था। यह भी जानना जरूरी है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान डिवाइन पब्लिक स्कूल ने तकरीबन 64 लाख की फीस माफ की थी। इसमे पहले चरण में स्कूल द्वारा 6 महीने की फीस लगभग 34 लाख रुपये माफ की गई, जबकि दूसरे चरण में 6 महीने की फीस लगभग 30 लाख रुपये और माफ कर दी थी। इस दौरान ऑनलाइन माध्यम से बच्चों की पढ़ाई करवाई जाती रही।

*जब कोरोना काल मे अनाथ हुए बच्चो का सहारा बने थे प्रबंधक अशीष उपाध्याय*

डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक आशीष उपाध्याय बताते हैं कि उस दौर में बलरामपुर जिले में काफी संख्या में ऐसे बच्चे सामने आए थे जिनके माता पिता का कोविड-19 के कारण देहांत हो गया था और उनकी पढ़ाई पर बड़ा संकट आ खड़ा हुआ था। लेकिन हमने उस वक्त बड़ा फैसला लिया और कोविड-19 के कारण अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च स्कूल प्रबंधन द्वारा उठाने का एक पत्र जिलाधिकारी को सौंपा था। हमने न सिर्फ 1 या 2 साल की पढ़ाई उन अनाथ बच्चों की करवाने का निर्णय लिया था बल्कि हम उन बच्चों को जितनी कक्षाओं तक हमारे स्कूल की मान्यता है वहां तक मुफ्त पढ़ाने के फैसला लिया जिसके बाद कई एडमिशन हुए और वो बच्चे आज भी पढ़ रहे हैं।

*स्कूल में प्री-नर्सरी और नर्सरी का एडमिशन लेने वाले बच्चों को मिलेगी निशुल्क शिक्षा नहीं देनी होगी फीस*

आपको बता दें कि डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक आशीष उपाध्याय ने एक बड़ा फैसला लेते हुए शिक्षा जगत में आमूलचूल परिवर्तन करने का बड़ा जिम्मा उठाया है। उन्होंने बताया कि हमारे स्कूल में दाखिला लेने वाले प्री-नर्सरी और नर्सरी कक्षा के बच्चों की पूरी फीस माफ करने का निर्णय लिया गया है। अभिभावकों को केवल अपने बच्चों को डिवाइन पब्लिक स्कूल में दाखिला कराना होगा, जिसके बाद दोनों कक्षाओं कि साल भर यानी 12 माह की पूरी फीस माफ कर दी जाएगी और बच्चा पूरे साल निशुल्क शिक्षा ग्रहण कर सकेगा। उन्होंने बताया के 18 मार्च से हमारा नया सत्र शुरू हो जाएगा जिसके बाद अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए योग्य वह लखनऊ से ट्रेंड किए गए शिक्षकों को रखा गया है जो बच्चों की देखरेख के साथ उनके बेहतर भविष्य को तराशने का काम करेंगे। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए तकरीबन 40 खिलौनों का प्रबंध किया गया है जिनसे खेलकर बच्चे शारीरिक तौर पर मजबूत हो सकेंगे। जहां एक तरफ अन्य स्कूलों पर लूट खसोट व अवैध उगाही का आरोप लगता है तो वही डिवाइन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक के इस बड़े फैसले कि चहुँ ओर चर्चा है।

पूरे कार्यक्रम के दौरान विद्यालय प्रबंधक सहित सुमन मिश्रा, कृष्णा गुप्ता, जूही पांडेय, शुभम श्रीवास्तव, कल्पना सिंह, मोहिता सिंह, सौम्या ओझा, तृप्ति सिंह, दरक्षा, रेनू, आफरीन, स्वयम्प्रभा, अंजली, मीनाक्षी सिंह व सरोज उपाध्याय मौजूद रहीं।

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