आबकारी दुकानों के लाइसेन्सियों को शिविर के माध्यम से किया गया जागरूक
दिनांक 31 जनवरी, 2023
बलरामपुर- उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के एक्शन प्लान एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जनपद न्यायाधीश लल्लू सिंह के दिशा-निर्देश के क्रम में तहसील परिसर कार्यालय जिला आबकारी अधिकारी, बलरामपुर में सरकारी मदिरा की दुकानों के लाइसेन्सियों में जागरूकता लाने हेतु विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन कर लाइसेन्सियों को शराब के क्रय-विक्रय के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी गयी।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विमल प्रकाश आर्य द्वारा शिविर के माध्यम से आबकारी दुकानों के लाइसेन्सियों को विभिन्न विभागों द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को शराब का सेवन मात्रा से अधिक नहीं करना चाहिए। आबकारी दुकान से अवैध तरीके से शराब का क्रय कर स्टाक रखना दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है। जिसके लिए विधिक/कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। अनुचित तरीके से शराब का क्रय-विक्रय करना अपराध है। यदि कोई व्यक्ति दूसरे के नाम पर शराब की दुकान चला रहा है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है इसके लिए दण्ड का प्राविधान है।
लाइसेन्सी आबकारी नीति के हिसाब से नियत मानक के अनुसार ही शराब का क्रय-विक्रय करें। इसमें किसी प्रकार की हीलाहवाली न बरती जाए।
शिविर में जिला आबकारी अधिकारी राजेश त्रिपाठी ने बताया कि सभी सरकारी शराब की दुकानों पर शराब की बिक्री पी0ओ0एस0 मशीन से कराया जा रहा है जिसमें मानक का भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति अधिकतम 6 लीटर यानी 09 बोतल अंग्रेजी शराब व 1.5 ली0 यानी 7 पाव देशी शराब खरीद सकता है और स्टाक के रूप में रख सकता है। इससे ज्यादा स्टाक रखने पर अवैध माना जायेगा और वह दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा जिसके जिए विधिक/कानूनी कार्यवाही हो सकती है। उन्होंने कहा कि सभी लाइसेन्सी आने वाले 03 फरवरी, 2023 को अपना लाइसेन्स रेनुवल कराने के लिए अपने सभी दस्तावेज तैयार कर लें तथा आबकारी साइट पर जाकर आॅनलाइन रेनुवल के लिए आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करें।
आबकारी निरीक्षक सर्कल-1 अनन्त कुमार मिश्रा, सर्कल-2 अलंकार सिंह, सर्कल-3 अजीत सिंह यादव, सुमित कुमार कटियार, मुकेश कुमार, शिव प्रसाद, राम बोध राम, सुरेश चन्द्र यादव आबकारी/विधिक स्टाफ व आबकारी दुकानों के लाइसेन्सी मौजूद रहे।