बसपा ने 10 नगर निगमों के मेयर प्रत्याशी घोषित किए 60 प्रतिशत मुस्लिमों को दिया टिकट
नगर निकाय चुनाव में बसपा ने पहले चरण में अपने पत्ते साफ कर दिए हैं। महापौर पद के लिए उसने 60 प्रतिशत टिकट मुस्लिम उम्मीदवारों को दिए हैं। पार्टी प्रमुख मायावती ने अपनी मंशा स्पष्ट जता दी है कि वह मुस्लिम-दलित समीकरण पर मजबूती से काम करेंगी।पार्टी को उम्मीद है कि यदि दलित और मुस्लिम वोटर साथ आ गए तो कई सीटों पर बसपा की नैया पार लग सकती है।
तमाम सीटों पर मंथन के बाद बसपा ने पहले चरण के नामांकन पत्र भरने के अंतिम दिन महापौर पद के प्रत्याशियों की सूची जारी की। कई सीटों पर दावेदारों को लेकर देर रात तक मंथन चला। जानकारी के मुताबिक, सूची भले ही सोमवार को जारी की गई हो, पर इनमें से कुछ उम्मीदवारों ने पहले ही सिंबल लेकर नामांकन पत्र भर दिए थे। पहले चरण में दस सीटों पर महापौर पद के लिए चुनाव होगा। बसपा ने दस में से छह मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारकर अपना गणित साफ कर दिया है। इन छह सीटों पर तो पूरा फोकस दलित मुस्लिम ही रहने वाला है। बसपा थिंक टैंक की मंशा है किन सीटों पर मुकाबला कड़ा हो जाएं।
पिछली बार इन 10 में से केवल 3 में मुख्य मुकाबले में थी बसपा
पिछले चुनाव की बात करें तो इन दस नगर निगमों में महापौर पद के लिए उतरे बसपा के मात्र तीन स्थानों पर ही मुख्य मुकाबले में थे। केवल आगरा, झांसी और सहारनपुर में बसपा उम्मीदवार पिछले साल दूसरे स्थान पर रहे थे। सात मुकाबलों में बसपा उम्मीदवार सीधी टक्कर में ही नहीं थे। खास तौर पर जिन छह निगमों में इस बार बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं उनमें से चार में पिछली बार बसपा उम्मीदवार टॉप तीन में भी जगह नहीं बना सके थे। फिरोजाबाद, प्रयागराज, मुरादाबाद व वाराणसी में बसपा तीसरे स्थान तक भी ठहर नहीं सकी थी।
सपा के मुश्किल भरी राह
बसपा ने ऐसा दांव चला है जिसने खास तौर सपा के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। चूंकि सपा का समीकरण मुस्लिमों के सहारे चलती है। चर्चा यह है कि बसपा मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव लगाकर सपा की राह में कांटे खड़े कर सकती है। हालांकि बसपाई इससे इंकार करते हैं। कहते हैं, कि मुस्लिमों ने सपा के साथ रह कर देख लिया है। कुछ हासिल नहीं हुआ। वास्तव में बसपा का समीकरण ही सबसे हिट है।
बसपा के दस निगमों के उम्मीदवार
आगरा – लता
मथुरा – राजा मोहतासिम अहमद
फिरोजाबाद – रुखसाना बेगम
झांसी – भगवान दास फुले
सहारनपुर – खादिजा मसूद
लखनऊ – शाहीन बानो
वाराणसी – सुभाष चंद्र माझी
प्रयागराज – सईद अहमद
मुरादाबाद – मोहम्मद यामीन
गोरखपुर – नवल किशोर नाथानी