खरीफ एवं रबी मौसम में अधिक से अधिक कृषकों के फसल का बीमा कराने की तिथि निर्धारित कर दी गयी है-जिला कृषि अधिकारी
जिला कृषि अधिकारी आर0पी0 राना ने बताया कि 15 जुलाई 2023 द्वारा वर्ष 2023-24, 2024-25 एवं 2025-26 के खरीफ एवं रबी मौसम में अधिक से अधिक कृषकों के फसल का बीमा किया जाना है। इस शासनादेश द्वारा खरीफ मौसम हेतु जनपद के अधिसूचित क्षेत्रों (विकास खण्डों) हेतु अधिसूचित फसलों को प्रतिकूल मौसमीय स्थितियों यथा-कम वर्षा बेमौसम/अधिक वर्षा, पाला, कम व अधिक तापमान, आद्रता आदि से नष्ट होने के उपरान्त क्षति के आधार पर क्षतिपूर्ति प्रदान की जायेगी। जनपद के अधिसूचित क्षेत्रों (विकास खण्डों) हेतु अधिसूचित फसलों की सूची तथा बीमा कराने की अन्तिम तिथि का विवरण निर्धारित कर दिया गया है जिसमें धान फसल जिले के समग्र विकास खंड में बीमा कराने की अन्तिम तिथि 31 जुलाई तक, केला रेहरा बाजार, गैण्डास बुजुर्ग में 31 जुलाई, मिर्च बलरामपुर, पचपेड़वा, गैसड़ी में 31 जुलाई तक, टमाटर, पचपेड़वा, बलरामपुर, हरैया सतघरवा में 30 नवम्बर तक तथा आम फसल गैसड़ी, पचपेड़वा, तुलसीपुर, बलरामपुर, उतरौला में 15 दिसम्बर तक।
ऋणी कृषक अधिसूचित फसल का बीमा सम्बन्धित बैंक शाखाओं से करा सकते है जिस हेतु आधार नम्बर आवश्यक होगा। यदि ऋणी कृषक योजना में शामिल नहीं होना चाहते है तो ऐसी स्थिति में अपने बैंक शाखा स्तर पर बीमा कराने की अंतिम तिथि के 07 दिन पहले लिखित अनिवार्य रूप से अवगत कराना होगा।
उन्होंने कहा कि गैर ऋणी कृषक स्वैच्छिक आधार पर कृषक अपनी निकटतम बैंक शाखाख् बीमा कम्पनी के बीमा मध्यस्थ/कामन सर्विस सेन्टर, सीधे बीमा पोर्टल पर आॅनलाइन बीमा करा सकते है। बीमा कराते समय कृषक आवश्यक प्रपत्र यथा- आधार कार्ड (अद्यतन), भूमि स्वामित्प दस्तावेज- अधिकार का रिकार्ड (आरओआर) और भूमि कब्जा प्रमाण पत्र (एलपीसी), बैंक पासबुक (प्रथम पृष्ठ बैंक खातों के विवरण के साथ), फसल बुवाई प्रमाण पत्र, बटाईदार किसान या किराये पर ली गयी भूमि की स्थिति में, भूमि के मालिक के साथ अनुबन्ध समझौता, किराया, पट्टा विलेख, भूमि के मालिक का सुस्पष्ट आधार कार्ड तथा मोबाइल नम्बर इत्यादि एवं कृषक मोबाइल नम्बर साथ रखेगें।
उन्होंने समस्त बैंको के अधिकारियों/कर्मचारियों तथा जन सेवा केन्द्रों के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का कृषकों के हित में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करते हुए अधिक संख्या में कृषकों को बीमा कराने हेतु प्रेरित करें, जिससे अधिक से अधिक संख्या में कृषक बीमा योजना का लाभ प्राप्त कर सके।