’प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डाॅलर की इकोनामी बनाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता -मुख्य विकास अधिकारी’
*’सांख्यिकी आकड़ो के संग्रहण हेतु विकास भवन सभागार में कार्यशाला सम्पन्न’
शासन के निर्देश के अनुपालन में आज विकास भवन सभागार में सांख्यिकी आंकड़ों के संग्रहण हेतु विभागीय अधिकारियो, उद्यमियों, व्यापारी के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी संजीव कुमार मौर्य ने कहा कि भारत की आजादी के अमृत काल के दौरान मा० प्रधानमंत्री जी के एक भव्य एवं विकसित भारत निर्माण के प्रण तथा प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाये जाने की मा० मुख्यमंत्री जी संकल्पना को पूरा करने के दृष्टिगत सभी के सहयोग के लिये कार्यशाला का आयोजन किया गया हैं। उन्होने कहा कि छोटी बड़ी प्रत्येक ईकाईयो के सही सांख्यिकी आकड़ो के संग्रहण से ही यह परिकल्पना पूरी की जा सकती हैं। मा0 मुख्य विकास अधिकारी द्वारा यह भी निर्देश दिया गया कि उद्यमों को पंजीकरण से होने वाले लाभ का व्यापक प्रचार कराकर इनके पंजीकरण पर विशेष बल दिया जाये।
उपनिदेशक, अर्थ एवं संख्या, देवीपाटन मण्डल, गोण्डा द्वारा कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि उत्तर प्रदेश के वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। उन्होंने कहा कि यह तभी सम्भव है जब अर्थव्यवस्था के जी०डी०पी० में सभी सेक्टरों प्राथमिक द्वितीय एवं तृतीय का सक्रिय योगदान हो एवं इसके साथ ही साथ इस तथ्य की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है उनके द्वारा किये गये योगदान का ससमय एवं सही आकलन किया जाय, आकलन करने के लिये प्रदेश में विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण कराये जा रहे सर्वेक्षण के दौरान यदि कोई सांख्यिकी अधिकारी किसी प्रकार का आकड़ा मांगने पहुंचता है तो उसे सही आकड़ा उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण विशेष रूप से विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्र में गैर-कृषि प्रतिष्ठानों की आर्थिक और परिचालन के स्थिति जानने के लिये तथा विनिर्माण व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्र में अनिगमित गैर-कृषि जी०वी०ए० ( ग्राम वैल्यू एडेड) की गणना के लिये किया जाता हैं।
जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी श्री डा0 मो0 नासेह ने कार्यशाला में जानकारी देते हुये बताया कि एनुअल सर्वे आफ इंडस्ट्रीज के सर्वेक्षण के बारे में प्रदेश में कारखाना अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत उद्योगो के वार्षिक क्रियाकलापों कार्यरत श्रमिकों की संख्या एवं बैलेस सीट इत्यादि का आकलन जानकारी हेतु किया जाता हैं। उन्होने बताया कि प्रदेश एवं जनपद में चयनित उद्योगो के मासिक उत्पादन, कार्यरत श्रमिको की संख्या का आकलन भी सर्वेक्षण के तहत किया जाता हैं। इन कार्यशालाओं में हित धारक अर्थात परिवार, कारखाने, दुकाने, छोटे व्यवसाय स्वास्थ्य देखभाल, ईकाईयों, क्लब, शिक्षा संस्थान कानूनी एवं परिवहन संगठन, सभी को यह आश्वस्त करने की आवश्यकता है कि उनके साझा की गयी जानकारी का उपयोग उनकी व्यक्ति पहचान उजागार किये बिना केवल सांख्यिकी उद्देश्यों के लिया किया जायेगा।
वरिष्ठ सांख्यिकीय अधिकारी श्री प्रदीप कुमार प्रजापति एवं श्री हरी प्रसाद यादव ने सभी हित धारको से अपील करते हुये कहा कि सर्वेक्षणकर्ता को वांक्षित सही सूचना देकर उनका सहयोग प्रदान करें। यह भी कहा कि निर्धारित प्रश्नावली के माध्यम से जनसंख्या विभिन्न सामाजिक आर्थिक पहलुओं पर डेटा एकत्रित करना इसका उद्देश्य हैं। जिसका उपयोग शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं द्वारा निर्णय लेने के लिये व्यापक रूप से किया जाता हैं। बैठक में व्यापक वार्षिक माड्यूलर सर्वेक्षण, आयुष सर्वेक्षण, राष्ट्रीय प्रतिदर सर्वेक्षण, सर्वेक्षण में एकत्रित होने वाली प्रमुख सूचनाओं आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। बैठक में उपायुक्त उद्योग द्वारा बताया गया कि एम0एस0एम0ई0 में पंजीकरण किया जा रहा है और वर्तमान में पंजीकृत इकाईयों की संख्या 1000 हो चुकी हैं तथा इस पंजीकरण प्रक्रिया में प्रोत्साहन स्वरूप इकाईयों को रू0 5.00 लाख का दुर्घटना बीमा दिया जा रहा है। सहायक श्रमायुक्त, जिला खादी ग्रामोद्योग, चीनी मिल कर्मचारी संघ अध्यक्ष तथा महामंत्री व्यापार मण्डल ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किये। समिति के सभी सदस्यों के साथ-साथ जिला विकास अधिकारी गिरीश चन्द्र पाठक, परियोजना निदेशक, डी0आर0डी0ए0, उपायुक्त, एन0आर0एल0एम0, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी एवं समस्त खण्ड विकास अधिकारी तथा अधिशासी अधिकारी-न0पा0परि0/न0पं0 सहित सभी सम्बन्धित अधिकारी व उद्यमी उपस्थित रहें।