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राजस्व टीम ने जेसीबी से तोड़ दी निजी भूमि में लगा नल व नींव- पीड़ित
पीड़ित ने की उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग।
सम्पूर्ण जलमग्न की भूमि से नही हटवाया गया अतिक्रमण-पीड़ित
गांव में भी जलमग्न की भूमि पर बने हैं कई मकान-पीड़ित
आपको बता दें की बलरामपुर जनपद के थाना रेहरा बाजार स्थित ग्राम सभा अचलपुर रूप निवासी पीड़ित राजेश पांडे ने बताया कि 562 गाटा न0 मेरा निजी बैनामे की भूमि है जिसमें करीब 20 साल से बैनामेदार व मेरा मकान बना हुआ है और गाटा सं0 562 का हदबरारी भी कोर्ट में दायर है जिसपर यथास्थिति का आदेश भी है। और 561 उसके बगल जलमग्न की भूमि है जिसको मेरे गांव के कुछ दबंग लोग कब्जा करके कुछ वृक्षारोपण किए हैं व कुछ पर फसल उगा रहे हैं जिन पर पुलिस व राजस्व विभाग का संरक्षण प्राप्त है।राजस्व टीम द्वारा आर्थिक और राजनीतिक दबाव में जलमग्न की भूमि का सीमांकन ना कराकर मौखिक रूप से बिना किसी सूचना व नोटिस के जेसीबी द्वारा मेरे नल व नींव को तोड़ दिया गया है और यह कहा गया कि तुम्हारा नींव और नल सब जलमग्न की भूमि में बना हुआ है पीड़ित ने आगे यह भी आरोप लगाया है कि लेखपाल व राज्य टीम द्वारा कभी भी किसी समय इस संबंध में मुझे कोई ना तो नोटिस दिया गया और न ही किसी प्रकार की जानकारी दी गई। मेरे विपक्षी द्वारा आर्थिक लाभ लेकर आनन फानन में जेसीबी मंगाकर मेरे निजी जमीन में बने हुए नींव व नल को तोड़ दिया जिसको लेकर मैं काफी परेशान हूं और इस संबंध में मैं उच्च अधिकारियों से मांग करता हूं कि गलत तरीके से अतिक्रमण बताकर मेरा नींव व नल तोड़ने वाले राजस्व कर्मियों व अन्य कर्मचारियों पर उचित कार्रवाई किया जाए। और नींव तोड़ने से हुए नुकसान का मुआवजा दिलाया जाय। वहीं जब इस संबंध में राजस्व कर्मी हरि श्याम चौबे से जानकारी किया गया तो लेखपाल द्वारा बताया गया कि पूर्व में पैमाइस किया गया था जिसका इस्पाट मेमो भी बना था।और जब राजस्व निरीक्षक से जानकारी किया गया तो उन्होंने बताया कि पहले पैमाइस किया गया है और जो उनका चक 25 कड़ी कम था उसको पूरा कर दिया गया है।जबकि पीड़ित का कहना है कि राजस्व विभाग द्वारा सही कार्य न करके अतिक्रमण हटवाने में अनदेखी किया गया है।