गिरिराज सिंह के बेबाक बोल, कहा- लालू, नीतिश और तेजस्वी वोट के लिए बिहार को बनाना चाहते इस्लामिक स्टेट
बिहार में औरंगाबाद के हसपुरा में मुसलमानों द्वारा हिन्दू मंदिरों पर गौमांस टांगने का विवाद गहराता जा रहा है।विवाद में अब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी कूद गए हैं। उन्होंने लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर अपनी भड़ास निकाली है। उनका कहना है कि बिहार के तीनों दिग्गज नेताओं की जुबान इस मुद्दे पर खामोश क्यों है? यह लोग वोट के लिए बिहार को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं। बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने कहा कि बार-बार ऐसी घटनाएं बिहार में हो रही हैं। औरंगाबाद में तो खासकर ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन लालू, नीतीश और तेजस्वी एक दूसरे की चोंच में सोच गिराने में लगे रहते हैं, क्योंकि इनकी नजर मुसलमानों के वोट बैंक पर है।
INDIA गठबंधन के सरंक्षण में हो रहा सब कुछ
गिरिराज सिंह ने कहा कि इन तीनों की जुबान ऐसे मुद्दे पर नहीं खुलेगी, बाकी चाहे जहां मर्जी इनसे बुलवा लो। यह क्यों इन मामलों पर कार्रवाई करेंगे। हां, अगर कोई हिन्दू मस्जिद पर सूअर रख देता, तब इन तीनों का असली चेहरा देखते। इसलिए यह लोग INDIA गठबंधन के सदस्य हैं और यह तीनों बिहार को इस्लामिक स्टेट बनाने पर तुले हैं। ऐसे ही नेताओं के कारण देश के कई राज्यों और शहरों में मुस्लिम समुदाय का दबदबा बढ़ता जा रहा है। इसे INDIA गठबंधन सरंक्षण दे रहा है। बिहार सरकार ऐसे मामलों पर कार्रवाई करे, वरना अंजाम बहुत बुरा होगा।
6 महीने में हो चुकी 3 घटनाएं
गत 2 नवंबर को औरंगाबाद जिले में हसपुरा ब्लॉक के तहत आने वाले एक इलाके में बने हनुमान मंदिर में गौमांस फेंका गया था। यह देखकर लोग भड़क गए और उन्होंने जमकर बवाल काटा। सूचना मिलते ही आनन-फानन में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। तनाव का माहौल बन गया था, लेकिन पुलिस ने सूझबूझ से दंगे भड़कने नहीं दिए, क्योंकि जुलाई से नवंबर तक यह तीसरी घटना था। इससे पहले 23 जुलाई को भी मंदिर में गौमांस फेंका गया था। एक जुलाई की रात को भी हसपुरा में 2, अमझर शरीफ में एक मंदिर और एक दुकान के शटर पर गौमांस फेंका गया था। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भी भेज दिया, लेकिन इसका मास्टरमाइंड कौन था? यह राज अभी तक उजागर नहीं हुआ है। इसी मुद्दे पर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। विपक्षी नीतीश सरकार को घेरे हुए हैं और मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।